दून में चढ़ने लगा भोले का रंग, महाशिवरात्रि को राशि के अनुसार करें पूजा
महाशिवरात्रि 13 फरवरी को है, लेकिन द्रोणनगरी अभी से शिवमय हो चुकी है। इस दिन राशियों के मुताबिक जलाभिषेक करने से पूजा को और अधिक सार्थक बनाया जा सकता है।
देहरादून, [जेएनएन]: महाशिवरात्रि 13 फरवरी को है, लेकिन द्रोणनगरी अभी से शिवमय हो चुकी है। श्री टपकेश्वर महादेव, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर समेत तमाम शिवालय रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग हैं। टपकेश्वर में मेले की तैयारी भी अंतिम चरण में है। इन दोनों शिवालयों में सोमवार मध्यरात्रि को महादेव का महारुद्राभिषेक होगा। वहीं, कई मंदिरों में शिवरात्रि महोत्सव शुरू भी हो चुका है।
175 साल पुराने मंदिर महादेव महाकालेश्वर ऋषिपर्णा घाट (तुलतुलिया, राजपुर) में रविवार से महाशिवरात्रि महोत्सव शुरू हो गया। जिसका शुभारंभ श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के दिगंबर भरत गिरी महाराज और बालाजी धाम झाझरा के संरक्षक बाबा बलराम दास हठयोगी महाराज ने किया। पूजा-अर्चना के साथ मंदिर में महाकालेश्वर शिवलिंग की स्थापना की गई। साथ ही दुर्लभ शिवलिंग को दर्शन के लिए भी रखा गया, जिस पर ओम की आकृति प्राकृतिक रूप से अंकित है।
यह शिवलिंग नर्मदा नदी से लाया गया है। मंदिर समिति के सदस्य अजय गोयल ने बताया कि महाशिवरात्रि महोत्सव 14 फरवरी तक चलेगा। इस मौके पर अशोक कृष्ण शास्त्री, ताराचंद, अर्जुन कुमार, कार्तिक वर्मा, रामचंद्र, शिवम वर्मा, प्रवीण वर्मा, शक्ति सागर कौशिक, कुशलपाल आदि मौजूद रहे।
वहीं, श्री पृथ्वीनाथ महादेव सेवादल के सेवादार और श्रद्धालुओं का जत्था गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार रवाना हुआ, देर रात जत्था वापस मंदिर पहुंच गया। सेवादार संजय गर्ग ने बताया कि यह गंगाजल श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा।
12 फरवरी की मध्यरात्रि गंगाजल और 51 प्रकार की सामग्री से महादेव का महा रुद्राभिषेक होगा। इससे पहले शाम को 2100 दीयों से भव्य रंगोली बनाई जाएगी। इस दौरान राकेश मित्तल, अनुराग गोयल, राजीव मित्तल, गोविंदा आदि मौजूद रहे।
महानिशीथ काल 51 मिनट तक
पूजा समय: 13 फरवरी को रात्रि 12.09 से 1.01 मिनट तक। यह काल शिव की पूजा के लिए श्रेष्ठ है, जिसकी अवधि 51 मिनट है।
राशि के अनुसार करें अभिषेक
मेष: गंगाजल, लाल पुष्प, गेहूं।
वृषभ: कुशा, जल, दही।
मिथुन: दही, दूध, गंगाजल।
कर्क: गन्ने का रस, गुलाबी फूल।
सिंह: शहदयुक्त जल।
कन्या: इत्रयुक्त जल, पीला फूल।
तुला: दूध, चावल, जल।
वृश्चिक: शक्कर, दूधयुक्त जल, गेहूं।
धनु: गंगाजल के साथ शुद्ध घी, गेहूं।
मकर: सरसों का तेल और लाल फूल।
कुंभ: गंगाजल और दही।
मीन: शहद, दूध और जल।
ऐसे करें जलाभिषेक
आचार्य संतोष खंडूड़ी ने बताया कि शिवरात्रि के दिन बेलपत्र, धतूरा, धूप, दीप, मिष्ठान, मौसमी फल, पुष्प, चंदन आदि शिव को अर्पित करना चाहिए। गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद से अभिषेक करें और ऊं नम: शिवाय का जाप करते रहें।
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