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Uttarakhand में शांति व्यवस्था भंग की तो लगेगा एनएसए, जानिए क्या है NSA

डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी ने अफवाह फैलाई या शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 03:13 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 03:13 PM (IST)
Uttarakhand में शांति व्यवस्था भंग की तो लगेगा एनएसए, जानिए क्या है NSA
Uttarakhand में शांति व्यवस्था भंग की तो लगेगा एनएसए, जानिए क्या है NSA

देहरादून, जेएनएन। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुए हंगामे के बाद महानिदेशक अपराध और कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार का दौरा किया। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में कुछ लोगों ने शांतिभंग करने की कोशिश की। उन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। वहां पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से हल्द्वानी और हरिद्वार में एक-एक कंपनी पैरा मिलिट्री फोर्स लगा दी गई है। उन्होंने जनता से अपील की है कि सौहार्द बनाए रखें, अफवाहें न फैलाएं। अब किसी ने अफवाह फैलाई या शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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जानिए क्या है क्‍या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(रासुका) कहें या एनएसए ये वो कानून है जो राष्‍ट्रीय सुरक्षा में बाधा डालने वालों पर नकेल कसता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को ज्यादा पावर देने से संबंधित एक कानून है। अगर सरकार को लगता कि कोई भी शख्स कानून-व्यवस्था के सामने किसी तरह की परेशानी खड़ा कर रहा है, तो वह उसे एनएसए के तहत गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है। इसके साथ ही, अगर उसे लगे कि वह व्यक्ति आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बन रहा है तो वह उसे एनएसए के तहत गिरफ्तार करवाया जा सकता है।  

जमातियों को शरण दी तो होगा मुकदमा

अभी तक खुद सामने न आने वाले जमातियों के साथ इन्हें शरण देने वालों के खिलाफ भी सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। ऐसे लोगों पर भी मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया गया है। दरअसल, प्रदेश में एक अप्रैल के बाद कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिली है। इनमें सबसे अधिक मामले जमातियों में पाए गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस ने सभी जमातियों को पांच अप्रैल तक खुद सामने आने को कहा था। ऐसा न करने पर छह अप्रैल से इन पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए। इनमें कुछ मुकदमें भी दर्ज हुए हैं। बावजूद इसके कई जमाती ऐसे हैं जो सामने नहीं आए हैं।

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शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि अभी भी कुछ जमाती छिपे हुए हैं। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि इन्हें शरण देने वालों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश में बाहर से आई जमातों और प्रदेश से बाहर गई जमातों के 1423 जमातियों की पहचान हुई है। इन सभी को क्वरंटाइन किया गया है। इसके अलावा प्रदेश की सभी सीमाओं पर सख्त नजर रखी जा रही है ताकि कोई चोरी छिपे आ-जा न सके। 

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