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यहां ई-गवर्नेंस के दावों को ठेंगा दिखा रहे महकमे, जानिए

ई गवर्नेंस को लेकर महकमे सरकार के मंसूबे को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। आलम ये कि सरकार के अधिकारिक वेब पोर्टल में विभाग सूचनाएं अपडेट करने में कन्नी काट रहे हैं।

By Edited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 02:05 PM (IST)
यहां ई-गवर्नेंस के दावों को ठेंगा दिखा रहे महकमे, जानिए
यहां ई-गवर्नेंस के दावों को ठेंगा दिखा रहे महकमे, जानिए

देहरादून, विकास गुसाईं। प्रदेश में सरकार जहां ई-गवर्नेंस पर पूरा जोर दे रही है, वहीं महकमे सरकार के इस मंसूबे को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि सरकार के अधिकारिक वेब पोर्टल यूके डॉट जीओवी डॉट इन में विभाग सूचनाएं अपडेट करने में कन्नी काट रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ही बात करें तो अंतिम बार विभाग की ओर से सितंबर 2017 में अंतिम सूचना अपलोड की गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने तो मार्च 2016 के बाद इस पर कोई जानकारी डालनी की जहमत तक नहीं उठाई। अभी केवल चुनिंदा विभाग इस वेब पोर्टल में सक्रिय होकर विभागीय शासनादेशों को आमजन के लिए सुलभ करा रहे हैं। 

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प्रदेश सरकार इस समय ई-गवर्नेंस पर जोर दे रही है। इसके लिए सीएम डैश बोर्ड का गठन भी किया गया है। सभी विभागों को सीएम डैश बोर्ड से जोड़ा गया है। मकसद यह कि मुख्यमंत्री विभागों द्वारा की जा रही प्रगति से अपडेट रह सकें। सरकार व शासन द्वारा समय-समय पर सभी विभागों से जारी होने वाले शासनादेशों की एक प्रति सरकारी वेबसाइट पर पर भी अपलोड करने के निर्देश दिए जाते रहे हैं। इसका मकसद यह है कि आमजन भी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी रख सके। 

इसके लिए सरकारी वेब पोर्टल में बकायदा गवर्नमेंट ऑर्डर नाम से से एक आइकन भी बनाया गया है। इस पर क्लिक करने से सारे विभागों की सूची सामने आ जाती है। विभाग के नाम के उपर क्लिक करने से उस विभाग द्वारा जारी किए जा रहे शासनादेश नजर आ जाते हैं। इस वेब पोर्टल को एनआइसी संचालित कर रहा है। सभी विभागों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह एनआइसी को शासनादेश की प्रति उपलब्ध कराएं ताकि वह इस पर सूचनाएं अपडेट कर सकें। 

अभी स्थिति यह है कि तमाम नई सरकारी योजनाओं से संबंधित शासनादेश इसमें कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। अभी केवल ऊर्जा, वित्त, खेल, गृह, सैनिक कल्याण व उच्च शिक्षा विभागों की जानकारी ही कुछ हद तक अपडेट है। शेष विभागों ने महीनों अथवा सालों से इस पर सूचना डाली उचित नहीं समझा है। 

मुख्य सचिव उत्पल सिंह ने बताया कि सभी विभागों को वेबसाइट पर सूचनाएं अपडेट करने को कहा गया है। यदि ऐसा नहीं है तो सबको इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।

84 विभाग 33894 शासनादेश 

इस वेबसाइट में 84 विभागों की सूची डाली गई है। जिनके वर्ष 2000 से वर्ष जनवरी 2019 तक के 33894 शासनादेश देखे जा सकते हैं। इसमें विभागों की सूची भी सही प्रकार नहीं दी गई है। मसलन इसमें हेल्थ व मेडिकल नामक दो विभाग दर्शाए गए हैं जबकि दोनों एक ही हैं। इसी प्रकार सुराज व भ्रष्टाचार अलग-अलग विभाग दिखाए गए हैं यही स्थिति सोल्जर बोर्ड व सैनिक कल्याण की भी है। 

सरकारी वेबसाइट में विभागों द्वारा डाले गए अंतिम सूचनाओं पर एक नजर 

इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट 

- अगस्त 2015 

सूचना प्रौद्योगिकी 

- सितंबर - 2017 

स्वास्थ्य

- मार्च 2016 

नियोजन 

- जून 2017 

इलेक्शन

- नवंबर 2015 

गोपन 

- जनवरी 2017 

सुराज 

- जुलाई 2016 

श्रम एवं प्रशिक्षण 

- जनवरी 2018 

लोक निर्माण विभाग 

- जनवरी 2018 

राजस्व 

- जुलाई 2018 

सचिवालय प्रशासन 

- मई 2018 

परिवहन 

- जनवरी 2018 

महिला सशक्तीरण 

- फरवरी 2018 

कार्मिक 

-अप्रैल 2018 

शहरी विकास 

- जनवरी 2018 

समाज कल्याण 

- फरवरी 2018 

सामान्य प्रशासन 

- जनवरी 2018 

पर्यटन 

- जनवरी 2018

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