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मलबा आने से बंद दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे को किया सुचारु, फंसे लोगों ने ली राहत

मलबे-बोल्डर के कारण दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे बंद हो गया था। इससे पुलिस ने सुचारु कर दिया गया है। जिससे हाईवे में बीच रास्ते में फंसे कई वाहन चालकों ने राहत की सांस ली।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 02:57 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 02:57 PM (IST)
मलबा आने से बंद दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे को किया सुचारु, फंसे लोगों ने ली राहत

विकासनगर (देहरादून), जेएनएन। रविवार शाम को भारी बरसात के चलते जुड्डो से लखवाड़ बैंड के बीच जगह-जगह पहाड़ दरके और सड़क पर मलबा आ गया। मलबे-बोल्डर के कारण दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे बंद हो गया था। इससे पुलिस ने सुचारु कर दिया गया है। जिससे हाईवे में बीच रास्ते में फंसे कई वाहन चालकों ने राहत की सांस ली। 

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आपको बात दें कि रविवार शाम को जुड्डो व लखवाड़ क्षेत्र के आसपास तेज बारिश हुई। इसके चलते दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर जुड्डो से लखवाड़ बैंड के बीच जगह-जगह पहाड़ दरकने से भारी मात्रा में मलबा आ गया। पछवादून के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई। जबकि यमुनाघाटी से सटे जौनसार के सीमावर्ती क्षेत्र में तेज बारिश होने से सड़क पर काफी मात्रा में मलबा आ गया। इस दौरान विकासनगर, देहरादून, कालसी, नौगांव, बड़कोट, डामटा, मसूरी, पुरोला समेत विभिन्न स्थानों को आने-जाने वाले कई वाहन जुड्डो व यमुना पुल के पास बीच रास्ते में फंस गए। 

हाईवे बंद होने से रंवाई-जौनपुर व जौनसार के कई ग्रामीण इलाकों से टमाटर, साग-सब्जी और अन्य नकदी फसलें लेकर देहरादून व विकासनगर मंडी जा रहे दर्जनों लोडर वाहन आधे रास्ते में फंसे है। बताया जा रहा जुड्डो व लखवाड़ बैंड के बीच बारिश इतनी ज्यादा हुई कि पहाड़ से जलजले के रूप में मलबा हाईवे पर जमा हो गया। जिससे जुड्डो से लखवाड़ बैंड के बीच करीब चार किमी सड़क पर मलबे ढेर लगा है। तरुण संघ खत लखवाड़ के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र सिंह चौहान ने स्थानीय प्रशासन व एनएच खंड अधिकारियों से बरसात के कारण बंद पड़े हाईवे को खोलने की मांग की। सूचना पर एनएच खंड ने हाईवे खोलने को जेसीबी मौके पर भेजी है। हालांकि देर रात हाईवे से मलबा हटवाकर आवागमन शुरू किया गया।

ऋषिकेश में दो हिरण गंगा नदी में गिर, एक डूबा; दूसरा बह गया

राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज के अंतर्गत पहाड़ी से लुढ़क कर दो वयस्क हिरण गंगा नदी में गिर गए। बैराज जलाशय में करीब दो घंटे तक यह वन्यजीव जीवन के लिए संघर्ष करते रहे। एक हिरन डूब गया दूसरा बैराज गेट खुलने के बाद बह गया।

रविवार की देर रात रेंज कार्यालय को सूचना मिली कि गंगा नदी में बह कर दो वयस्क किरण बैराज जलाशय में फस गए हैं। यहां कुछ गेट खुले हैं कुछ गेट बंद है। यह हिरण बंद गेट के पास फंसे हुए थे। सूचना पाकर रेंज अधिकारी धीर सिंह टीम लेकर मौके पर पहुंचे। पानी में डंडे के सहारे इन वन्यजीव को बचाने की कोशिश होती रही। वन विभाग की ओर से जल विद्युत निगम के अधिकारियों से एक गेट खोलने का आग्रह किया गया।

करीब दो घंटा बाद अधिकारी गेट खोलने पर सहमत हुए। इस बीच एक हिरण सबकी आंखों के सामने बैराज जलाशय में डूब गया। बैराज गेट खुलने के बाद एक हिरन पानी में आगे निकल गया। उसके बाद गेट बंद कर दिया गया। रेंज अधिकारी धीर सिंह ने बताया कि बैराज जलाशय से पहले गेस्ट हाउस के समीप जंगल में नदी नीचे है और भूतल ऊपर है। इस पहाड़ी क्षेत्र से ही फिसल कर संभवतया हिरन नदी में गिर गए थे।

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