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रायवाला में मालगाड़ी की चपेट में आने से शिशु हाथी की मौत, मोतीचूर से कांसरो तक बेहद संवेदनशील है क्षेत्र

ऋषिकेश के पास राजाजी नेशनल पार्क से गुजर रही रेल लाइन पर मालगाड़ी की चपेट में आने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई। उसकी उम्र पांच वर्ष बताई जा रही है। वन विभाग लोको पायलेट पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रहा है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 09:06 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 10:51 PM (IST)
रायवाला में मालगाड़ी की चपेट में आने से शिशु हाथी की मौत, मोतीचूर से कांसरो तक बेहद संवेदनशील है क्षेत्र
रायवाला में मालगाड़ी की चपेट में आने से शिशु हाथी की मौत। फाइल फोटो

संवाद सूत्र, रायवाला (देहरादून) : ऋषिकेश के पास राजाजी नेशनल पार्क से गुजर रही रेल लाइन पर मालगाड़ी की चपेट में आने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई। उसकी उम्र पांच वर्ष बताई जा रही है। वन विभाग लोको पायलेट पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। इसी वर्ष अब तक प्रदेश में रेलवे ट्रैक पर हादसों में चार हाथियों की मौत हो चुकी है, जबकि बीते 21 वर्ष में 22 हाथी जान गंवा चुके हैं।

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राजाजी नेशनल पार्क के तहत मोतीचूर के रेंज अधिकारी महेंद्र गिरि गोस्वामी ने बताया कि घटना शनिवार आधी रात की है। हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। इसी बीच हरिद्वार से देहरादून जा रही एक मालगाड़ी वहां से गुजरी। रेंज अधिकारी के अनुसार हालांकि लोको पायलेट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर मालगाड़ी को रोकने का प्रयास किया, लेकिन एक शिशु हाथी उसकी चपेट में आ गया। इसकी सूचना रेलवे के अफसरों को दी गई और उन्होंने वन विभाग को सूचित किया। घटना के बाद मालगाड़ी करीब आधा घंटा रुकी रही। गोस्वामी ने बताया कि यह क्षेत्र हाथियों का परंपरागत गलियारा है। यहां हाथियों की आवाजाही काफी ज्यादा रहती है।

बेहद संवेदनशील है क्षेत्र

हरिद्वार-दून रेल ट्रैक पर मोतीचूर से लेकर कांसरो तक का करीब दस किमी क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। परंपरागत गलियारा होने की वजह से यहां वन्य जीवों की आवाजाही अधिक है। लेकिन, उनकी इस स्वच्छंद आवाजाही में रेल ट्रैक सबसे बड़ी बाधा है। ऐसे में कई बार हादसे भी हो जाते हैं।

15 अक्टूबर 2016 को रायवाला के पास ट्रेन से टकराकर एक मादा हाथी की मौत हो गई थी। जबकि, 17 फरवरी 2018 को एक शिशु हाथी और 20 मार्च को इस ट्रैक पर मादा हाथी की मौत हुई। नौ मार्च 2018 को रायवाला के पास एक हाथी जख्मी हुआ। पार्क बनने से लेकर अब तक इस ट्रैक पर 29 हाथियों की मौत ट्रेन से टकराने के कारण हुई।

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