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Dehradun में कारोबारी को 123 घंटे हाउस अरेस्ट रखकर ठगे 1.13 करोड़, तीन गिरफ्तार

Cyber Crime साइबर ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच व सीबीआइ अधिकारी बताकर छह दिन तक किया ब्लैकसाइबर ठगों ने न केवल 123 घंटे डिजीटली हाउस अरेस्ट (घर में ही हल पल आनलाइन कैमरे के सामने कैद रखना) रखा बल्कि उन्हें ब्लैकमेल कर एक करोड़ 13 लाख रुपये भी ठग लिए। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तीन साइबर ठगों को राजस्थान के कोटा से गिरफ्तार किया है।

By Ankur Agarwal Edited By: Nirmala Bohra Published: Sat, 25 May 2024 10:31 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2024 10:31 AM (IST)
Cyber Crime: साइबर ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच व सीबीआइ अधिकारी बताकर छह दिन तक किया ब्लैकमेल

जागरण संवाददाता, देहरादून: Cyber Fraud: घरेलू साज-सज्जा के सामान के आयात-निर्यात का कारोबार करने वाले एक कारोबारी को साइबर ठगों ने न केवल 123 घंटे डिजीटली हाउस अरेस्ट (घर में ही हल पल आनलाइन कैमरे के सामने कैद रखना) रखा, बल्कि उन्हें ब्लैकमेल कर एक करोड़ 13 लाख रुपये भी ठग लिए।

साइबर ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच व सीबीआइ का अधिकारी बताया और कारोबारी को बैंक खातों में 38 करोड़ रुपये के अवैध ट्रांजेक्शन में गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी। कारोबारी की शिकायत पर जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तीन साइबर ठगों को राजस्थान के कोटा से गिरफ्तार किया है।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि 16 अप्रैल को सहस्रधारा रोड स्थित पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट निवासी कारोबारी राजीव कुमार ने शिकायत दी कि नौ अप्रैल को सुनील वर्मा नाम के व्यक्ति ने उनके मोबाइल पर फोन कर खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। फिर उसने काल को अपने अधिकारी को ट्रांसफर करने की बात कहकर दूसरे व्यक्ति से बात कराई।

दूसरे व्यक्ति ने कारोबारी राजीव से कहा कि मुंबई में कस्टम विभाग ने उनका एक पार्सल पकड़ा है, जिसमें पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड और नशे की सामग्री है। इसके बाद कारोबारी को मोबाइल फोन पर स्काइप एप से जोड़कर वीडियो काल की गई, जिसमें एक व्यक्ति पुलिस अधिकारी की वर्दी पहने बैठा हुआ था। वर्दीधारी ने पार्सल के संबंध में पूछताछ की और कुछ देर बाद मनी लांड्रिंग, नशा तस्करी व पहचान छिपाने का संदिग्ध बताकर सीबीआइ के नाम से आनलाइन नोटिस भेजा।

आरोपित वर्दीधारी ने कारोबारी के बैंक खातों में 38 करोड़ का अवैध ट्रांजेक्शन होने की बात कहकर उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी। कारोबारी को नौ अप्रैल की सुबह 10 बजे से 15 अप्रैल की दोपहर एक बजे तक (कुल 123 घंटे) डिजीटल हाउस अरेस्ट कर रखा गया। आरोप है कि इस दौरान मामला रफादफा करने के नाम पर कारोबारी से एक करोड़ 13 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में लिए गए।

कारोबारी की शिकायत पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर सीओ अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में जांच टीम बनाकर आरोपितों के फोन व बैंक खातों की जानकारी जुटाई गई। जिसमें राजस्थान से तार जुड़ने पर निरीक्षक देवेंद्र नबियाल के निर्देशन में टीम राजस्थान के कोटा भेजी गई। टीम ने राकेश व दीपक लक्षकार निवासी (गुजरो का मोहल्ला, थाना इटावा, जिला-कोटा) और आसिफ अली निवासी जामा मस्जिद के पास, इटावा, कोटा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों से घटना में प्रयुक्त पांच मोबाइल बरामद किए गए।

दुबई से हो रहा गिरोह का संचालन

एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि ठगी के लिए साइबर ठग अब डिजीटली हाउस या आफिस अरेस्ट जैसी घटना को अंजाम दे रहे हैं। यह गिरोह दुबई से संचालित हो रहा है। वहां ठगों ने काल सेंटर बनाया हुआ है। भारत में साइबर ठगों ने फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाने व लोगों का रिकार्ड जुटाने के लिए अलग-अलग राज्यों में एजेंट रखे हुए हैं। ये लोग बड़े कारोबारी या अधिकारी को फोन काल पर जाल में फंसाते हैं और झूठे मुकदमे में गिरफ्तार करने की धमकी व आनलाइन फर्जी नोटिस देकर ठगते हैं।


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