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Cyber crime: लापरवाही और लालच में आकर गंवा रहे हैं मेहनत की कमाई, उत्‍तराखंड में डेढ़ गुना बढ़े साइबर अपराध

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं कि उत्‍तराखंड में साइबर ठगी के मामलों में डेढ़ गुना इजाफा हुआ है। आए दिन लोग लालच में आकर ठगी का शिकर हो रहे हैं और अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 10:53 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 10:53 AM (IST)
Cyber crime: लापरवाही और लालच में आकर गंवा रहे हैं मेहनत की कमाई, उत्‍तराखंड में डेढ़ गुना बढ़े साइबर अपराध
उत्‍तराखंड में वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार साइबर ठगी के मामलों में डेढ़ गुना इजाफा हुआ है।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। Cyber crime: लापरवाही और लालच में आकर लोग बड़ी संख्या में साइबर ठगों का शिकार बन रहे हैं और अपनी सालों की जमा पूंजी गंवा रहे हैं। वर्ष 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें तो साइबर ठगी के मामलों में डेढ़ गुना इजाफा हुआ है। जो काफी चिंताजनक है। पुलिस भी साइबर ठगी के मामलों में शिकंजा कसने का दावा कर रही है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां करते हैं।

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आए दिन इस प्रकार के मामले सामने आते हैं कि पैसा डबल करने, इनाम, पालिसी में बोनस, लाटरी आदि के नाम पर साइबर ठग आमजन को अपने झांसे में लेकर मोटी चपत लगा रहे हैं। हालांकि, ठगी के मामलों को लेकर विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद आमजन थोड़े से लालच के चलते इन साइबर ठगों का शिकार बन जाते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2019 की अपेक्षा 2020 में देश में साइबर अपराध में 11.8 फीसद की बढ़ोतरी हुई। बात उत्तराखंड की करें तो इस अवधि में यहां साइबर अपराध डेढ़ गुना बढ़ गया। वर्ष 2019 में पूरे प्रदेश में साइबर अपराध के 100 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2020 में यह संख्या 243 पहुंच गई। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी रिपोर्ट में यह चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में उत्तराखंड में साइबर अपराध के 171 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद 2019 में यह संख्या घटकर 100 हो गई, लेकिन 2020 में इसमें बड़ा उछाल आया।

उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण भी साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। लोग लालच में आकर अपने बैंक खाते संबंधी जानकारी अंजान व्यक्ति के साथ साझा कर देते हैं और अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं।

हत्या के मामलों में आई कमी

प्रदेश में कोरोनाकाल में हत्या के मामलों में कमी आई है। वर्ष 2018 में हत्या के 211, जबकि 2019 में 199 मामले सामने आए। वहीं, 2020 में यह संख्या घटकर 160 पर पहुंच गई। देश में केरल, नागालैंड और हिमाचल प्रदेश के बाद उत्तराखंड चौथा ऐसा राज्य है, जहां 2020 में हत्या के सबसे कम मामले सामने आए। प्रदेश में सबसे अधिक हत्याएं प्रेम प्रसंग, अवैध रिश्तों और भूमि विवाद के कारण हुईं।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित है उत्तराखंड

उत्तराखंड में समय के साथ अपराध का ग्राफ भले ही बढ़ा हो, लेकिन वरिष्ठ नागरिक प्रदेश में सुरक्षित हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड देश का चौथा ऐसा प्रदेश है, जहां वरिष्ठ नागरिकों के साथ अपराध कम हुआ। 2020 में अरुणाचल प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों के साथ हुए अपराध की संख्या शून्य रही। जबकि, झारखंड में प्रति एक लाख बुजुर्गों में 0.1, असम में 0.3 और उत्तराखंड में 0.4 फीसद अपराध का शिकार हुए।

महिला उत्पीड़न के मामले बढ़े

वर्ष 2018 और 2019 की तुलना में 2020 में प्रदेश में महिला उत्पीडऩ के मामलों में बढ़ोतरी हुई। 2018 में यहां महिला उत्पीड़न के 2,817 और 2019 में 2,541 मामले सामने आए थे। वहीं, 2020 में महिला उत्पीड़न के 2,846 मामले दर्ज किए गए। इसमें सबसे अधिक 349 मामले अपहरण के थे। दहेज के लिए हत्या के 65 मामले सामने आए, जबकि दस महिलाओं ने इस कारण आत्महत्या करने की कोशिश की।

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