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साइकिल से आरोग्य का संदेश दे रहा है दून का दंपती

60 की उम्र के पार करने के बाद अक्सर लोग आरामपसंद जिंदगी गुजारने को तरजीह देते हैं। मगर देहरादून का धीमन दंपती का अंदाज बिल्कुल निराला है। 71 और 78 वर्ष की उम्र में इन पति-पत्नी के जोश एवं जज्बे के आगे नौजवान भी पानी भरते नजर आते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 09:16 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 09:16 AM (IST)
साइकिल से आरोग्य का संदेश दे रहा है दून का दंपती।

ऋषिकेश, दुर्गा नौटियाल। 60 की उम्र के पार करने के बाद अक्सर लोग आरामपसंद जिंदगी गुजारने को तरजीह देते हैं। मगर, देहरादून का धीमन दंपती का अंदाज बिल्कुल निराला है। 71 और 78 वर्ष की उम्र में इन पति-पत्नी के जोश एवं जज्बे के आगे नौजवान भी पानी भरते नजर आते हैं। इस दंपती ने समाज, खासतौर पर नई पीढ़ी को स्वास्थ्य और आरोग्य का पाठ पढ़ाने के लिए साइकिल को अपना साथी बनाया है। दोनों नियमित तौर पर सप्ताह में साइकिल से तीन से चार सौ किमी की यात्रा करते हैं। 

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देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूल में शिक्षक रही विश्व धीमन (78 वर्ष) व उनके पति कमलजीत धीमन (71 वर्ष) को देखकर कोई भी इनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता। देहरादून से जितने भी मार्ग पर्वतीय क्षेत्रों को जाते हैं, उन पर यह दंपती अक्सर किसी प्रोफेशनल साइकिलिस्ट की तरह साइकिल पर पैडल मारते देखे जा सकते हैं। दून से नहान, दून से वाया मालदेवता-धनौल्टी और दून से नरेंद्रनगर का ट्रैक इनका सबसे पसंदीदा ट्रैक है। उम्र के इस पड़ाव में भी इनका जोश और जज्बा सातवें आसमान पर है। यही वजह है कि यह दंपती अब तब साइकिल से कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सबसे लंबी यात्रा कर चुका है। 

कुछ समय पूर्व उसने दुनिया की सबसे ऊंची मोटर रोड पर साइकिलिंग करते हुए खारदुंगला की चुनौतीपूर्ण यात्रा भी सफलता से पूरी की। विश्व धीमन बताती हैं कि वह दोनों पिछले चार वर्षों से हर सप्ताह कम से कम तीन से चार सौ किमी की यात्रा साइकिल से जरूर करते हैं। मौसम और अन्य परिस्थितयों में भी दून से नहान 102 किमी की यात्रा करना उनकी सामान्य दिनचर्या है। 

बताती हैं कि उत्तराखंड में चारों धाम की यात्रा वह साइकिल से कर चुके हैं। उत्तराखंड में शायद ही अब कोई जगह होगी, जहां वो साइकिल से न गए हों। विश्व व कमलजीत धीमन का मानना है कि स्वास्थ्य से बढ़कर कोई सुख है ही नहीं। इसलिए हमें योग, व्यायाम, वॉक, साइकिलिंग जैसी गतिविधियों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।

बेटे ने सिखाया साइकिल चलाना

डालनवाला (देहरादून) निवासी विश्व धीमन व कमलजीत की शादी को 43 साल हो चुके हैं और इन दोनों की जिंदगी की साइकिल भी इसी तालमेल से दौड़ रही है। उनकी दो पुत्रियां मुंबई में और बेटा देहरादून में सैटिल है। विश्व धीमन बताती हैं कि पहले उन्हें साइकिल चलानी नहीं आती थी। 2006 में छत से गिरने के कारण उन्हें सर्वाइकल की समस्या हो गई। इसके बाद बेटे ने उन्हें साइकिल चलाना सिखाया। योग और साइकिलिंग से आज वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। 

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युवा पूछते हैं उम्र, रह जाते हैं हैरान 

विश्व धीमन और कमलजीत धीमन ने बताया कि युवा उनकी उम्र के बारे में जानकर हैरान रह जाते हैं। उन्हें देखकर और उनसे प्रेरित होकर कई युवाओं ने सुबह की सैर, साइकिलिंग और व्यायाम को अपनाया है। जब उनसे दोबारा मुलाकात होती है तो बेहद खुशी होती है। 

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