Move to Jagran APP

ठेकेदार को क्लीनचिट देने पर पार्षदों ने उठाए सवाल, मिलीभगत का लगाया आरोप

नगर निगम में कूड़ा उठान के ट्रैक्टर ट्राली के टेंडर में लगे घोटाले के आरोप में जांच के बाद ठेकेदार को क्लीन चिट देने का मामला तूल पकड़ने लगा है। वार्ड नंबर आठ के पार्षद भूपेंद्र सिंह कठैत सहित अन्य पार्षदों ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 11:54 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 11:54 PM (IST)
ठेकेदार को क्लीनचिट देने पर पार्षदों ने उठाए सवाल, मिलीभगत का लगाया आरोप
ठेकेदार को क्लीनचिट देने पर पार्षदों ने उठाए सवाल।

देहरादून, जेएनएन। नगर निगम में कूड़ा उठान के ट्रैक्टर ट्रॉली के टेंडर में लगे घोटाले के आरोप में जांच के बाद ठेकेदार को क्लीन चिट देने का मामला तूल पकड़ने लगा है। वॉर्ड नंबर आठ के पार्षद भूपेंद्र सिंह कठैत सहित अन्य पार्षदों ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर निविदा निरस्त करने की मांग की है। इस मामले में पार्षदों ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मुलाकात करते हुए जांच रिपोर्ट की कॉपी सार्वजनिक करने की मांग की है। 

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि निगम को दो करोड़ का लाभ दिखाकर चूना लगाया गया है और महापौर को गलत तथ्य पेश करके गुमराह किया जा रहा है। पार्षदों ने नगर आयुक्त से यह जानकारी भी मांगी है कि इनमें ट्रैक्टर ट्रॉलियां एक दिन में कितने चक्कर लगा रही हैं। अगर ठेकेदार की 30 गाड़ियां चल रही हैं तो उन गाड़ियों का नंबर मांगे हैं। 

इसके अलावा उन ट्रैक्टर ट्रालियां की फिटनेस, कॉर्मशियल टैक्स, परमिट और इंश्योरेंश की कापी दिखाने, कारगी के कलेक्शन सेंटर की एंट्री दिखाने को कहा है, जहां ट्रालियां चार चक्कर जाती रही। मौके पर पहले कैमरे थे लेकिन अब नहीं हैं सिर्फ फोन पर चक्कर चढ़ाए जा रहे हैं। निविदा संख्या-18 में 20 प्रतिशत ट्रैक्टर ट्राली अथवा अनुबंध होना अनिवार्य है। 

यह भी पढ़ें: ट्रैक्टर ट्रॉली टेंडर मामले में ठेकेदार को क्लीन चिट, सिंडिकेट बनाकर घपले का लगा था आरोप

इसके दस्तावेज दिखाने, शहर से कुल कितना टन कूड़ा उठाया जा रहा है और पहले कितने टन कूड़ा उठता था, निविदा के अनुसार पैरा नंबर-10 के अनुसार कार्य समाप्ति के बाद ट्रैक्टर ट्राली निगम में ही खड़ी करनी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यह ट्रालियां एक चक्कर लगाकर निजी कार्य कर रहीं हैं, जिसके दस्तावेज पार्षदों के पास हैं।

यह भी पढ़ें: Siddcul Scam: आइजी अभिनव ने जताई नाराजगी, कहा- एक माह में पूरी हो सिडकुल घोटाले की जांच


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.