Lockdown में अच्छी खबर, स्मार्ट सिटी के तहत 860 करोड़ की 19 परियोजनाओं पर काम शुरू; जानिए
दून में स्मार्ट सिटी की 860.42 करोड़ रुपये की 19 परियोजनाएं निर्माणाधीन अवस्था में हैं। लॉकडाउन के चलते इन सभी काम काम बंद थे। पर अब शुक्रवार से इनपर काम शुरू हो गया।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना को हराने में जुटी मशीनरी के लिए अच्छी खबर है। जिलाधिकारी ने देहरादून नगर निगम सीमा में केंद्र और राज्य सरकार की निर्माणाधीन परियोजनाओं को गति देने की मंजूरी दे दी है। ऐसी परियोजनाओं को अनुमति देने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट या संबंधित उपजिलाधिकारी को अधिकृत किया गया है। हालांकि, पृथक रूप से लॉकडाउन और सील की गई बस्तियों में किसी भी तरह की अनुमति लागू नहीं होगी। इसका सबसे पहला और बड़ा लाभ देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी ने उठाया। आदेश के तत्काल बाद कंपनी ने प्रशासन से काम शुरू करने की अनुमति भी प्राप्त कर ली है।
दून में स्मार्ट सिटी की 860.42 करोड़ रुपये की 19 परियोजनाएं निर्माणाधीन अवस्था में हैं। लॉकडाउन के चलते इन सभी काम काम बंद कर दिया गया था। अब अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार से इन पर काम शुरू किया गया। इन कार्यालयों में प्रमुख रूप से स्मार्ट रोड, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के काम शामिल हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय सड़कों पर भीड़-भाड़ कम है, लिहाजा काम की रफ्तार बढ़ाई जा सकती है। गुरुवार को जारी की गई अनुमति में यह शर्त जरूर जोड़ी गई है कि श्रमिकों के निर्माण स्थल पर ही रहने की व्यवस्था करनी होगी। उन्हें इधर-उधर जाने की अनुमति नहीं होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि शारीरिक दूरी और अन्य प्रचलित नियमों का पालन करना भी जरूरी होगा। अन्यथा अनुमति निरस्त कर दी जाएगी। साथ ही कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
स्मार्ट सिटी के ये काम हो सकेंगे
- ’ स्मार्ट रोड, मल्टीयूटिलिटी डक्ट (स्मार्ट रोड), ड्रेनेज, सीवरेज (203.23 करोड़)
- ’ कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट ट्रैफिक, सिटी साइनेज (294.41)
- ’ इंटीग्रेटेड ग्रीन बिल्डिंग, (204.46)
- ’ सीवरेज-एरिया बेस्ड डेवलपमेंट, (30.30)
- ’ वाटर सप्लाई, (26.92)
- ’ स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट (22.38)
- ’ परेड ग्राउंड पुनर्जीवीकरण, (21.19)
- ’ ड्रेनेज एरिया बेस्ड डेवलपमेंट, (17.35)
- ’ पलटन बाजार पैदल पथ, (13.81)
- ’ दून लाइब्रेरी बिल्डिंग, (13.25)
- ’ स्मार्ट वाटर मीटर, (9.48)
- ’ एमडीडीए पार्क, (2.85)
- ’ स्मार्ट टॉयलेट, (1.81)
लोनिवि को भी मिली परमिशन
लोनिवि प्रांतीय खंड को मसूरी में मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण के बाद अब देहरादून-मसूरी रोड (विभिन्न कार्य) और मसूरी में लंढौरा क्षेत्र में दीवार निर्माण की अनुमति मिल गई है। इसके अलावा लोनिवि को अभी 20 और कायरें की अनुमति का इंतजार है। सिटी मजिस्ट्रेट अनुराधा पाल ने बताया कि कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यह अनुमति भी जारी कर दी जाएंगी। साथ ही 10 से अधिक विवाह आवेदन की अनुमति गुरुवार को अलग-अलग कार्यालयों ने जारी की।
मनरेगा के 76 काम शुरू
गुरुवार को जिले में मनरेगा के 76 काम भी शुरू कर दिए गए। अच्छी बात यह है कि लॉकडाउन के चलते खाली बैठे 632 श्रमिकों को भी इसमें काम मिल गया है।
738 डिलीवरी ब्वॉय के पास होंगे निरस्त
देहरादून: दून में डिलीवरी ब्वॉय बनकर दौड़ रहे 738 लोगों के स्वास्थ्य का विवरण संबंधित कंपनियां भेज ही नहीं रही हैं। लिहाजा, जिला प्रशासन ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से ऐसे सभी पास को निरस्त करने को कहा है। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रामजी शरण शर्मा ने बताया कि होम डिलीवरी करने वाले प्रतिष्ठानों को आदेश दिया गया था कि वह अपने यहां थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करें और इसकी रिपोर्ट रोजाना प्रशासन को उपबल्ध कराएं।
दून में इस श्रेणी में 756 डिलीवरी ब्वॉय को पास जारी किए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या के बाद भी सिर्फ 18 डिलीवरी ब्वॉय की सूचना प्रशासन को मिल रही है। इसमें से 11 डिलीवरी ब्वॉय अकेले स्वीगी के हैं। इस स्थिति को गंभीरता लिया गया है। लिहाजा, शेष 738 पास को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के लिए पुलिस को पत्र भेजा गया है। जिन डिलीवरी ब्वॉय की रिपोर्ट सही पाई गई है, उनकी सूची भी नाम और नंबर के साथ पुलिस को मुहैया कराई गई है। ताकि इनके पास जारी रखे जा सकें।
इलेक्ट्रीशियन और मोटर मकैनिक को भी अनुमति
जिलाधिकारी ने अपने स्तर पर काम करने वाले इलेक्ट्रीशियन, मोटर/बाइक मकैनिक, कंप्यूटर तकनीशियन, प्लंबर व बढ़ई के काम वाले लोगों को भी अनुमति देने का आदेश जारी कर दिया। ऐसे लोग संबंधित थानाध्यक्ष व चौकी प्रभारी से पास प्राप्त कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें: Lockdown: दून को प्रतिबंध से बहाली की तरफ ले जाते ये 97 अहम आदेश, जानिए इनके बारे में
एआरटीओ विकासनगर और ऋषिकेश के कार्यालय भी खुलेंगे
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रामजी शरण शर्मा के मुताबिक गुरुवार को एआरटीओ विकासनगर और ऋषिकेश को भी कार्यालय खोलने की अनुमति जारी की गई। इसके अलावा सहायक आयुक्त गन्ना विकास समेत 16 औद्योगिक इकाइयों, इनके 718 कार्मिकों, एक चूना भट्ठा को भी पास जारी किए गए।