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coronavirus: उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से बढ़ी आमद, पर जांच का गिरा ग्राफ; जानिए आंकड़ों में

उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से लाए जा रहे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इस बीच जांच का ग्राफ गिर गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 03:30 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 03:30 PM (IST)
coronavirus: उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से बढ़ी आमद, पर जांच का गिरा ग्राफ; जानिए आंकड़ों में

देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को वापस लाने का क्रम जारी है। दिल्ली, बेंगलूरू, गुजरात, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, मुंबई, लखनऊ, जयपुर, जोधपुर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, चंडीगढ़, जम्मू आदि अन्य शहरों में फंसे करीब 1.80 लाख लोगों ने घर वापसी के लिए पंजीकरण कराया हुआ है। लगभग 30 हजार लोगों को राज्य में लाया जा चुका है। एक से दूसरे जनपद में पहुंच रहे लोग इससे अलग हैं। यानी रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोगों का बाहरी राज्य से यहां या एक से दूसरे जनपद में आवागमन हो रहा है, लेकिन कोरोना के लिहाज से सरकारी मशीनरी ने सुरक्षा के इंतजाम उस तरह पुख्ता नहीं किए हैं, जिसकी जरूरत थी। उल्टा अब जांच की रफ्तार भी फिर सुस्त पड़ गई है।

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प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। इस लिहाज से उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक हुए आठ सप्ताह का वक्त बीच चुका है। इस बीच कोरोना के 68 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि कैंसर का उपचार कराने दिल्ली गए एक बुजुर्ग भी कोरोना पॉजिटिव आने के बाद दून लौट आए। बहरहाल, अच्छी बात यह है कि अब तक सामने आए मामलों में 68 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं।

अब एक नयी चुनौती मुंह बाहे खड़ी है। बाहरी राज्यों से जिन प्रवासियों को वापस लाया जा रहा है, उनकी एकाध जगह पर सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग ही की जा रही है। दावा ये कि कोरोना के लक्षण मिलने पर व्यक्ति को आइसोलेशन अथवा संस्थागत क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है, जबकि अन्य को होम क्वारंटाइन की सलाह दी जा रही है। उस पर जांच का ग्राफ भी पिछले कुछ दिनों में नीचे गिर गया है। यह स्थिति तब है, जब चार सरकारी लैब में टेस्टिंग की सुविधा है। 

वहीं, दून में निजी लैब में भी कोरोना जांच की जा रही है। जांच का विश्लेषण करें तो सातवें सप्ताह यानी 26 अप्रैल से 2 मई के बीच प्रदेश में कुल 2374 सैंपल की जांच की गई थी। पर बीते सप्ताह यह संख्या घटकर 1881 सैंपल पर आ गई।

यानी 493 सैंपल या 21 फीसदी कम जांच। कोरोना के खिलाफ जहां जांच ही सबसे बड़ा हथियार है, जानकार भी वायरस के संक्रमण के लिहाज से इसको खतरनाक मानते हैं। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि ऐसे वक्त पर जब देशभर से सैकड़ों लोग उत्तराखंड लौट रहे हैं, जांच का दायरा बढ़ना चाहिए। पर पिछले एक सप्ताह में इसमें कमी आई है। यह बेहद चिंताजनक है। अब वक्त है, जब हमें जांच में तेजी दिखानी होगी। जितनी ज्यादा जांच होगी, उतना बेहतर है।

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किस हफ्ते कितनी हुई जांच

15 मार्च से 21 मार्च-110

22 मार्च से 28 मार्च-258

29 मार्च से 4 अप्रैल-378

5 अप्रैल से 11 अप्रैल-629

12 अप्रैल से 18 अप्रैल-1377

19 अप्रैल से 25 अप्रैल-1719

26 अप्रैल से 2 मई-2374

3 मई से 9 मई-1881

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