coronavirus से जंग में आगे आ रहे संगठन, PM Relief Fund में दे रहे मदद, जरूरतमंदों को पहुंचा रहे खाना
जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का क्रम जारी है। विभिन्न सामाजिक धार्मिक संगठनों के साथ कुछ लोग अपने स्तर पर असहाय सुर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का क्रम जारी है। विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के साथ कुछ लोग अपने स्तर पर असहाय सुर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। मंगलवार को भी आइएसबीटी, हनुमान चौक, रेलवे स्टेशन रोड, कारगी चौक, रिस्पना में संगठनों से जुड़े लोगों ने पानी, चाय और खाने के पैकेट वितरित किए।
कैंसर से लड़ रहे सुशील ने PM Relief Fund में दिया सहयोग
दिल्ली स्थित एक अस्पताल में कैंसर से लड़ रहे देहरादून निवासी सुशील त्यागी ने पीएम राहत कोष में एक हजार रुपये जमा किए। उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों को इस महामारी कर दौर में जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आने को कहा।
संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव देहरादून निवासी सुशील त्यागी का पिछले कई महीने से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में कैंसर का इलाज चल रहा है। बताया कि फिलहाल सीमित संसाधन के चलते एक हज़ार रुपये पीएम राहत कोष में जमा करवाए। कहा कि वे जल्द ही स्वस्थ्य होकर दून लौटेंगे, इसके बाद संगठन मिलकर जरूरतमंदों की मदद करेगा।
खाने के पैकेट किए वितरित
देहरादून पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को विभिन्न बस्तियों में जाकर भोजन के पैकेट बांटे। एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष मित्तल ने कहा कि ऐसे समय मे जरूरतमंदों की मदद के लिए सभी को आगे आना चाहिए।
पुलिस को सौंपे खाने के पैकेट
पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सेवा दल ने मंगलवार को जरूरतमंदों के लिए खाने के पैकेट पुलिस को सौंपे। दल के प्रमुख अशोक कुमार अग्रवाल ने बताया कि शासन की ओर से वाहन भेजा गया, जिसमें तैयार खाने के पैकेट विभिन्न जगहों पर तैनात पुलिसकर्मियों के सुपुर्द किया गया। वहीं, मां वैष्णो सेवा मंडल की ओर से गांधीग्राम, लक्ष्मण चौक क्षेत्र में जरूरतमंदों को भोजन बांटा। सेवा बैंक की ओर से जरूरतमंदों को खाना बांटा जा रहा है।
कालिंका माता मंदिर समिति की ओर से चल रहे अभियान के तहत मंगलवार को विभिन्न जगहों पर भोजन वितरित किया गया। समिति से जुड़े सेवादारों में मलिक चौक, राजीव कॉलोनी, ,शशि विहार, चुक्खु मोहल्ला, गणोश विहार, रिस्पना पुल, घंटाघर, हर्रावाला, चोरखाला, कांवली रोड, रायपुर, मियांवाला में लोगों को भोजन और शाम को भोजम के पैकेट बांटे। इस दौरान ट्रस्टी गगन सेठी, रमेश साहनी, विजय अरोड़ा, अनूप, नरेश मैनी, रमेश साहनी,अशोक लंबा, संजय चांदना, मुरली, अनिल गुलाटी, सुभम मैनी, आशीष सूरी आदि रहे।
कोरोना के इस संकटकाल में जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के लिए अग्रसेन चैरिटेबल ट्रस्ट केसचिव अमित गर्ग और यति स्केट्स के अरविंद गुप्ता ने मिलकर व्हाट्सअप ग्रु़प बनाया है। इस ग्रुप में 11 सामाजिक संस्थाएं जुड़ी हुई हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर संस्थाओं के सदस्य जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। अमित गर्ग ने बताया को रात को सामान और जगहों की सूची बनाकर ग्रुप पर पोस्ट को जाती है। सभी को उनके क्षेत्र बताए जाते हैं। जिनके माध्यम से आटा, दाल, चावल, चीनी, नमक, तेल और पके खाने के पैकेट को जरूरतमंदों में वितरित किया जा रहा है।
गायत्री परिवार ने दो लाख की सहायता दी
कोरोना के संकट से उबरने और लोगों की मदद करने के लिए गायत्री परिवार ट्रस्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री राहत कोष में दो लाख रुपये जमा किए। इसके साथ ही फिजिकल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
टीएचडीसी कर्मचारियों ने दिया एक दिन का वेतन
कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ हो रही जंग में कई लोग आगे आ रहे हैं। अब टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों ने भी अपना एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में स्वेच्छा से दान करने का एलान किया है। उप महाप्रबंधक कार्मिक और कॉरपोरेट संचार डॉ. एएन त्रिपाठी ने बताया कि संस्थान के सभी कर्मचारियों ने अप्रैल माह के वेतन से एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में भेजने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें: Uttarakhand Lockdown: सीधे नहीं बंटेगी सामग्री, प्रशासन कराएगा भोजन के पैकेट का वितरण
एम्स निदेशक ने दी एक लाख की मदद
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री ने जनता से राहत जुटाने की अपील की गई है। जिसमें लोग सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। कई संस्थाएं भोजन सामग्री का सहयोग कर रही हैं तो कई लोग आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने प्रधानमंत्री राहत कोष में व्यक्तिगत तौर से एक लाख रुपए आर्थिक सहायता दी है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी सक्षम लोगों को इस कार्य में आगे आना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Uttarakhand Lockdown: जो जहां हैं, वहीं रहें; ठहरने व खाने का इंतजाम प्रशासन ने किया