coronavirus: एक दिन का वेतन देंगे होम्योपैथिक डॉक्टर, बोरोजगार डिप्लोमा फार्मसिस्ट भी मदद को आगे
कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संघ और बोरोजगार डिप्लोमा फार्मसिस्ट ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संघ ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। प्रदेशभर के होम्योपैथिक चिकित्सक अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को राशन भी उपलब्ध कराएंगे। वहीं, बेरोजगार डिप्लोमा फार्मसिस्ट भी सरकार के साथ है। वो कहीं भी सेवा देने को तैयार हैं।
संगठन के अध्यक्ष डॉ. अमित राज सिंह नेगी और महासचिव डॉ. शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश कोरोना के संकट से जूझ रहा है। इन हालात में प्रदेश का प्रत्येक चिकित्सक सरकार के साथ खड़ा है। सहयोग के लिए तत्पर खड़ा है। इस संबंध में संगठन ने कुछ निर्णय लिए हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक उत्तराखंड के जिस भी स्थान पर रहते हैं, यदि वहां आसपास कोई निर्धन परिवार है और उसके पास राशन उपलब्ध नहीं है, तो वह अपने सामर्थ्य के अनुसार उसकी मदद करेंगे।
उसे आर्थिक मदद या राशन उपलब्ध कराएंगे। उन्हें कोरोना को लेकर जागरूक करेंगे और उन्हें सैनिटाइजर और मास्क भी उपलब्ध कराएंगे। साथ ही एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराने का भी निर्णय लिया गया है। सभी चिकित्सकों से अपील की गई है कि संकट की घड़ी में सरकार का सहयोग करें। अधिकाधिक लोगों को जागरूक करें कि वह अपने घरों में बने रहें और सुरक्षित रहें।
बेरोजगार डिप्लोमा फार्मेसिस्ट भी सरकार के साथ
कोरोना से लड़ी जा रही जंग में समाज का हर तबका अपने-अपने ढंग से मदद कर रहा है। कोई जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहा है तो कोई सेनिटाइजर, मास्क आदि बांटने के साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझा रहा है। चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस-प्रशासन व सफाई कर्मी भी दिन रात अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। अब बेरोजगार डिप्लोमा फार्मेसिस्टों ने भी राज्य सरकार की मदद को हाथ बढ़ाया है। उनका कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में वह लोग सरकार के साथ खड़े हैं और कहीं भी अपनी सेवा देने को तैयार हैं।
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प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मेसिस्ट (एलेपैथिक) महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महादेव गौड़ ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि संकट की इस घड़ी में बेरोजगार डिप्लोमा फार्मेसिस्ट कोराना की रोकथाम और बचाव में स्वैच्छिक रूप से अपना योगदान देना चाहते हैं। वर्तमान में प्रदेशभर में 18 हजार से अधिक प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मेसिस्ट (एलोपैथिक) पंजीकृत हैं। वह राज्य के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्रों से लेकर जिला चिकित्सालयों तक में सरकार के दिशा निर्देशानुसार कार्य करने को तैयार हैं।
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