Coronavirus: पहले 75 दिन पर भारी पड़े पिछले 25 दिन, मिले 1900 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज
उत्तराखंड में बीते 25 दिन पहले 75 दिन पर भारी साबित हुए। इस अवधि में कोरोना के सबसे अधिक 1900 से ज्यादा मरीज मिले।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना को दस्तक दिए 100 दिन बीत चुक हैं। कोरोना संकट के इन 100 दिन का अगर 25-25 के चार चरणों में आकलन करें तो पहले, दूसरे और तीसरे चरण पर चौथा चरण यानी बीते 25 दिन पहले 75 दिन पर भारी साबित हुए। इस अवधि में सबसे अधिक 1900 से ज्यादा मरीज मिले। 24 कोरोना संक्रमितों की मौत भी इसी अवधि में हुई। हां, इस बात से राहत जरूर महसूस की जा सकती है कि सबसे ज्यादा 1442 लोग भी इसी दौरान ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। तब शैक्षणिक टूर से विदेश से लौटे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन सेवा अकादमी के एक प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद कोरोना संक्रमण के मामले हर अंतराल पर बढ़ते गए। इस दौरान वृहद स्तर पर सामुदायिक निगरानी के साथ ही मैदान से लेकर पहाड़ तक सैंपलिंग का दायरा बढ़ाया गया।
जांच के लिए नई लैब शुरू की गई और कुछ की जांच क्षमता भी बढ़ाई गई। जितनी ज्यादा जांच हुई, मरीजों का ग्राफ भी उसी रफ्तार से बढ़ा। मई के दूसरे पखवाड़े से विभिन्न राज्यों से प्रवासियों की वापसी के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक रही है। अब चिंता यह कि स्थानीय स्तर पर भी संक्रमण बढऩे लगा है। यही नहीं कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में फ्रंटलाइन पर डटे चिकित्सक, अन्य स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, पुलिस के जवान भी वायरस की चपेट में आए हैं।
कई गुना बढ़ी जांच की रफ्तार
प्रदेश में शुरुआत में जांच की रफ्तार सुस्त थी। सिर्फ देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जिले से ज्यादातर सैंपल लिए जा रहे थे। शुरुआती 25 दिन में रोजाना औसतन 49 सैंपल की ही जांच की जा रही थी। इसके बाद मरकज प्रकरण और फिर प्रवासियों की आमद के साथ जांच का दायरा भी बढ़ाया गया। बीते 25 दिन की बात करें तो अब हर दिन करीब 1200 सैंपल की जांच की जा रही है।
पहले घटी, फिर बढ़ी संक्रमण दर
15 मार्च से आठ अप्रैल के बीच यानी शुरुआती 25 दिन में संक्रमण दर जहां 2.85 प्रतिशत थी। वहीं, अगले 25 दिन में यह घटकर 0.42 पर आ गई। चार मई से 28 मई के बीच संक्रमण दर 3.34 फीसद पहुंच गई तो बीते 25 दिन में यह 6.23 फीसद रही है।
पांच दिन में नहीं आया बिना ट्रैवल हिस्ट्री वाला कोई केस
दून के लिए चिंता बनते जा रहे बिना ट्रैवल हिस्ट्री वाले कोरोना संक्रमित लोगों को लेकर प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट की है। बताया गया है कि सैंपलिंग के समय कई लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री दर्ज नहीं की जा रही है, मगर बाद में ज्यादातर की हिस्ट्री मिल जा रही है।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि बीते पांच दिन में एक भी ऐसा पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है, जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री मालूम न हो। सैंपलिंग के समय जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री ज्ञात नहीं थी, उनमें अधिकतर की स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव के मुताबिक इससे पिछले हफ्ते भी महज छह ऐसे केस मिले, जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी। इनमें भी चार केस को कम अंतराल में ही उनकी जांच करके आइसोलेट कर दिया गया था। जिला प्रशासन का मानना है कि कोरोना के नए मामले सामने आते रहना, तब चुनौतीपूर्ण नहीं है, जब संबंधित लोग क्वारंटाइन हों या उनकी ट्रैवल हिस्ट्री ज्ञात हो।
शनिवार-रविवार के लॉकडाउन का असर
हर शनिवार और रविवार को पूरी तरह लॉकडाउन करने का बेहतर असर देखने को मिल रहा है। संक्रमण के नए मामले सामने आते रहने के बाद भी अभी संक्रमण का फैलाव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सीमित है। इस दर को यहीं बांध लिया जाए तो कुछ समय में कोरोना की दर गिरने लगेगी।
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