Coronavirus: कोरोना अटैक: उत्तराखंड में नौवां सप्ताह पड़ा भारी, सात दिन में कोरोना के 24 नए मामले आए सामने
उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक को नौ सप्ताह बीत गए हैं। इस दौरान हर अंतराल बाद मरीजों का ग्राफ बढ़ा है। संक्रमण के लिहाज से नौवां सप्ताह राज्य पर भारी साबित हुआ है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक को नौ सप्ताह बीत गए हैं। इस दौरान हर अंतराल बाद मरीजों का ग्राफ बढ़ा है। संक्रमण के लिहाज से नौवां सप्ताह राज्य पर भारी साबित हुआ है। क्योंकि इन सात दिन में कोरोना के 24 नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले 29 मार्च से चार अप्रैल के बीच सर्वाधिक 16 केस पॉजिटिव आए थे। जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ी है, वह आने वाले दिनों के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
बता दें, बीती 15 मार्च को प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया था। विदेश के शैक्षणिक टूर से लौटे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन सेवा अकादमी के एक प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। पहले दो सप्ताह में कोरोना के जो छह मामले आए उनकी ट्रेवल हिस्ट्री विदेश से जुड़ी हुई रही। लेकिन तीसरे सप्ताह यानी 29 मार्च से चार अप्रैल के बीच कोरोना के केस यकायक बढ़ने लगे।
वह इसलिए कि इस दौरान दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज वह अन्य जगह तब्लीग में शामिल होकर कई लोग देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, यूएसनगर, रुद्रपुर आदि जगह लौटे। जमातियों के साथ ही उनके संपर्क में आए कई लोग भी कोरोना पॉजिटिव मिले। अगले चार सप्ताह के दौरान कोरोना के मामलों में फिर कमी आने लगी। अच्छी बात है यह रही कि इस अवधि में जिस तरह कम संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं, वहीं अस्पतालों में भर्ती कई मरीज भी स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होते रहे।
एक बारगी ऐसा भी लग रहा था कि उत्तराखंड कोरोना संकट से पार पा लेगा। हरिद्वार को छोड़कर अन्य सभी जनपद ग्रीन व ऑरेंज जोन में शामिल हो गए। यही नहीं कंटेनमेंट जोन/हॉटस्पॉट की संख्या भी घटती चली गई। लेकिन लॉकडाउन-3 में स्थिति फिर बदल गई। जैसे ही अन्य राज्यों से प्रवासियों की वापसी होने लगी, उसी रफ्तार से कोरोना के मामले भी बढ़ने लगे। 10 मई से 16 मई के बीच सबसे अधिक 24 मामले सामने आ चुके हैं। इससे सिस्टम की बेचैनी तो बढ़ी ही है, आमजन में भी खौफ है।