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coronavirus: गुजरात से लौटे 105 कर्मचारी होम क्वारंटाइन, छह पुलिसकर्मी भी शामिल

लॉकडाउन में फंसे 1118 यात्रियों को लेकर गुजरात गए उत्तराखंड रोडवेज के 97 चालक-परिचालकों समेत 105 कर्मियों को होम क्वारंटाइन कर दिया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 07:27 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 07:27 PM (IST)
coronavirus: गुजरात से लौटे 105 कर्मचारी होम क्वारंटाइन, छह पुलिसकर्मी भी शामिल

देहरादून, जेएनएन। कोरोना के चलते लॉकडाउन में फंसे 1118 यात्रियों को लेकर गुजरात गए उत्तराखंड रोडवेज के 97 चालक-परिचालकों समेत 105 कर्मियों को होम क्वारंटाइन कर दिया गया है। इनमें छह पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। प्रशासन की ओर से यहां वापस आने पर समस्त कर्मियों की जांच कराई गई। हालांकि, किसी में भी संक्रमण की शिकायत नहीं मिली है, लेकिन एहतियातन सभी को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

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गत 27 मार्च को उत्तराखंड की तीस बसें हरिद्वार के ऋषिकुल में विभिन्न आश्रमों में फंसे गुजरात के 1118 लोगों को लेकर गईं थीं। इसमें 17 वॉल्वो और 13 साधारण बसों को भेजा गया। हर बस पर डबल चालक भेजे गए थे। बसों पर कुल 60 चालक व 27 परिचालक, 10 हेल्पर और दो टीआई रोडवेज जबकि छह पुलिसकर्मी सुरक्षा को लेकर भेजे गए थे। बसें रात-दिन चलीं और गुजरात के गांधीनगर, सूरत और अहमदाबाद से तत्काल वापस चल दीं। सोमवार सुबह सभी बसें वापस हरिद्वार पहुंच गईं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी 105 कर्मियों की जांच की। इसके बाद रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान द्वारा इन सभी कर्मियों को होम क्वारंटाइन रहने के आदेश दिए गए।

हरियाणा बार्डर पर फंसे उत्तराखंडी

गुजरात से लौटते हुए उत्तराखंड के 60 यात्रियों को रोडवेज बसों से हरियाणा सीमा पर पुलिस ने उतार लिया। दरअसल, पहले यह कहा गया था कि जो बसें गुजरात भेजी गई हैं, इनमें गुजरात में फंसा कोई उत्तराखंड का निवासी वापस आ सकता है। मगर इसे लेकर उत्तराखंड व गुजरात सरकार में कोई संवाद हुआ ही नहीं। जो यात्री वहां थे, वह यात्र पास न बनने के कारण खड़े रह गए। इस दौरान चेकपोस्टों पर खड़े उत्तराखंड के 60 लोगांे को गुजरात पुलिस ने जबरन बसों में चढ़ा दिया।

चालक-परिचालक भी अपने प्रदेश के यात्री होने के नाते उन्हें बैठा लाए। राजस्थान-हरियाणा बार्डर पर तैनात पुलिस ने बसों को रोक लिया और यात्रियों के पास अनुमति नहीं होने के चलते रविवार देर रात उन्हें बस से उतार दिया। ऐसे में यात्री अधर में फंस गए। यात्रियों ने मंत्रियों एवं नेताओं को देर रात जमकर फोन घुमाए, पर कहीं से सहायता नहीं मिली। आरोप है कि भागदौड़ में एक यात्री का पांव भी टूट गया और वह सड़क पर बिलखता रहा। यात्रियों ने अपनी मुसीबत का वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड किया, जिसमें वह मंत्रियों और नेताओं को खरीखोटी सुनाते दिख रहे।

दो मंत्रियों ने बढ़ाई मुसीबत: गुजरात से यात्रियों को लेकर पैदा हुई गफलत में दो मंत्रियों के नाम चर्चा में हैं। चर्चा है कि इनमें एक गढ़वाल मंडल और दूसरा कुमाऊं क्षेत्र का मंत्री है। गुजरात से यात्रियों को लाने की अनुमति न मिलने पर सरकार ने बसों में यात्री लाने से मना कर दिया, लेकिन ये दोनों मंत्री वहां फंसे कुछ चहेतों को निकालने के लिए जुगाड़ भिड़ाते रहे। चर्चा है कि बसों में महज 60 यात्री नहीं बल्कि मंत्रियों के चहेते करीब 350 यात्री लाए जा रहे थे।

हरिद्वार से परिवहन निगम की 30 बसों में भेजे गए थे गुजरात के 1118 यात्री

उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि गुजरात से लौट रही बसों में उत्तराखंड के 60 यात्री आ रहे थे। यात्र अनुमति पास न होने के कारण हरियाणा पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में उतार लिया। चालक व परिचालक तो मानवता के नाते उन्हें ला रहे थे। चालक व परिचालकों की कोई गलती नहीं। गुजरात से लौटे पूरे स्टॉफ की स्वास्थ्य जांच कराई गई है। फिलहाल उन्हें अपने घर में ही होम क्वारंटाइन रहने को कहा गया है। जिस भी डिपो के चालक-परिचालक हैं, उक्त डिपो के एजीएम को भी बता दिया गया है कि वे चालक-परिचालकों को होम क्वारंटाइन में रहने को समझाएं। उन्हें खुद के व परिवार के ख्याल रखने की हिदायत दी गई है।

मिन्नतें करते रहे चालक-परिचालक

हरियाणा बार्डर पर यात्रियों को उतारने के दौरान चालक-परिचालक हरियाणा पुलिस की मिन्नतें करते रहे। कहते रहे कि समस्त यात्री उत्तराखंड के हैं और वे इन्हें ले जाने की अनुमति दें, लेकिन पुलिस नहीं मानीं। आरोप है कि पुलिस ने जबरदस्ती करने पर बसें सीज करने की चेतावनी तक दे डाली।

हरियाणा बार्डर पर यात्रियों को छोड़ने पर सीएम गंभीर

उतराखंड परिवहन निगम की बस में गुजरात से उत्तराखंड के लगभग 50 लोगों को लोकर हरियाणा बार्डर पर छोड़ने संबंधी खबरों का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संज्ञान लिया है। उन्होंने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रणबीर सिंह चौहान को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। प्रबंध निदेशक ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा अनुमति न देने के कारण यह कदम उठाया गया। उत्तराखंड परिवहन निगम की कुछ बसें बीते रोज यात्रियों को छोड़ने गुजरात गई थीं। वापसी में इन बसों में उत्तराखंड के तकरीबन 50 यात्रियों को वापस लाया गया। इन्हें हरियाणा बार्डर पर ही छोड़ दिया गया। यह खबर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को इसकी जांच करने को कहा।

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प्रबंध निदेशक रणबीर चौहान ने मामले का परीक्षण करने के बाद बताया कि गुजरात गई बस में उत्तराखंड के 50 से अधिक लोगों को लाया जा रहा था। लॉकडाउन होने के कारण हरियाणा बार्डर पूरी तरह सील था। वहां पुलिस ने बस को रोक दिया और किसी भी यात्री को बस में ले जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। वहां और भी दूसरी बहुत सी बसों को रोका गया था। बस के साथ गए टीआई द्वारा बहुत अनुरोध करने पर भी पुलिस ने बस को सीज करने की चेतावनी दी। पुलिस ने किसी भी बस में एक भी यात्री को ले जाने की अनुमति नहीं दी। इस कारण यात्रियों को उतारकर बसों को रवाना कर दिया गया।

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