नोटिस और वेतन कटौती का संविदा चिकित्सक और कर्मचारी संघ ने किया विरोध
आरबीएसके की मासिक प्रगति रिपोर्ट न देने पर डॉक्टर-कर्मचारियों के वेतन कटौती के आदेश का संविदा चिकित्सक और कर्मचारी संघ ने विरोध किया है।
देहरादून, जेएनएन। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की मासिक प्रगति रिपोर्ट न देने पर डॉक्टर-कर्मचारियों के वेतन कटौती के आदेश का संविदा चिकित्सक और कर्मचारी संघ ने विरोध किया है। संगठन के अनुसार मार्च से स्कूल-आंगनबाड़ी बंद हैं और आरबीएसके की टीमों को कोरोना की ड्यूटी में लगाया गया है। इस स्थिति में स्क्रीनिंग अभी मुमकिन नहीं है। मिशन निदेशक एनएचएम को पत्र भेजकर संगठन ने इस आदेश वापस लेने की मांग की है।
संगठन के अध्यक्ष डॉ. संजय चौहान ने कहा कि प्रभारी अधिकारी (मातृ और शिशु स्वास्थ्य) ने हाल ही में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्साधिकारियों को एक पत्र जारी किया है, जिसमें आरबीएसके टीमों द्वारा मासिक प्रगति रिपोर्ट न भेजने और स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में रिपोर्ट शून्य भेजने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
रिपोर्ट न भेजने पर कारण बताओ नोटिस और वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। इससे कोरोना की ड्यूटी में लगे आरबीएसके के डॉक्टर-कर्मचारी हतोत्साहित हैं। उनका कहना है कि इस वक्त तमाम स्कूल-आंगनबाड़ी बंद हैं और आरबीएसके टीम को कोविड केयर सेंटर, स्क्रीनिंग, क्वारंटाइन सेंटर, क्विक रिस्पांस टीम आदि में लगाया गया है।
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चार माह से कर्मचारी कार्य कर रहे हैं और उन्हें नोटिस देना और वेतन कटौती दुर्भाग्यपूर्ण है। पहले आरबीएसके टीमों की संख्या 148 से घटाकर 139 कर दी गई और अब सब जानकर भी अधिकारी इस तरह के आदेश जारी कर रहे हैं। इस तरह का मानसिक उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉ. चौहान ने तुरंत यह आदेश वापस लेने की मांग उच्चाधिकारियों से की है।
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