वाहनों की फिटनेस जांचने को ऋषिकेश में ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन का निर्माण शुरू
वाहनों की फिटनेस जांचने के लिए अभी तक देशभर में चुनिंदा परिवहन कार्यालयों में बनी ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन (ओटीएल) अब ऋषिकेश में भी वाहनों की फिटनेस जांच को आसान कर देगी।
ऋषिकेश, जेएनएन। वाहनों की फिटनेस जांचने के लिए अभी तक देशभर में चुनिंदा परिवहन कार्यालयों में बनी ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन (ओटीएल) अब ऋषिकेश में भी वाहनों की फिटनेस जांच को आसान कर देगी। खासकर चारधाम यात्रा में यह तकनीकी परिवहन व्यवसायियों और परिवहन विभाग दोनों के काम को बेहद आसान करने वाली है।
वाहनों की फिटनेस जांचने के लिए अभी तक मेन्युअल प्रणाली पर आधारित रहना पड़ता है। इस प्रणाली की वजह से वाहन चालकों और वाहन स्वामियों को लंबा वक्त परिवहन कार्यालय में ही बताना होता है। मगर, ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन वह कंप्यूटरीकृत प्रणाली है, जिससे चुटकियों में ही वाहनों की फिटनेस की जांच की जा सकती है।
परिवहन विभाग के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय ऋषिकेश में ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन लंबे समय से प्रस्तावित थी। पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत इस टेस्टिंग लेन में वाहनों की फिटनेस चंद मिनटों में ही जांच ली जाती है। अब इस पर काम शुरू होने जा रहा है।
परिवहन विभाग का सहायक संभागीय कार्यालय ऋषिकेश पूरे प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय है। ऋषिकेश चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार होने के अलावा यहां से गढ़वाल मंडल के लिए सबसे अधिक निजी बसों का संचालन होता है। चारधाम यात्रा के दौरान परिवहन कार्यालय में फिटनेस व अन्य कार्यों के लिए बसों का की लंबी लाइन लगती है।
इसी समस्या को देखते हुए ऋषिकेश में करीब एक दशक पूर्व ऑटोमेटिक फिटनेस लेन को प्रस्तावित किया गया था। आखिर लंबे इंतजार के बाद करीब ढाई सौ करोड़ की इस योजना को वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन के लिए बाईपास मार्ग स्थित सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के समीप ही 1.2 हेक्टेयर भूमि भी परिवहन विभाग को वन विभाग से हस्तांतरित कर दी गई है।
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सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले वर्ष में चारधाम यात्रा से पूर्व यह ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन तैयार हो जाएगी। संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. अनीता चमोला ने बताया कि चिन्हित 1.2 हेक्टेयर भूमि में चहारदिवारी का कार्य किया जा रहा है। इसके बाद टेस्टिंग लेन के निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस आटोमेटिक टेस्टिंग लेन के बनने के बाद वाहनों की फिटनेस जांचना बेहद आसान हो जाएगा। खास तौर पर चारधाम यात्रा में यह तकनीकी वाहन स्वामियों और परिवहन विभाग के समय की बचत के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगी।
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