श्राइन बोर्ड गठन के फैसले के विरोध में उतरी कांग्रेस, सरकार पर लगाए कई आरोप Dehradun News
उत्तराखंड में चार धामों समेत प्रसिद्ध मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड के गठन के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है।
By Edited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 10:17 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 03:21 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। चार धामों समेत उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड के गठन का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि सरकार चार धामों और मंदिरों के पुरोहितों के हक-हकूकों में हस्तक्षेप कर रही है।
गौरतलब है कि बीती 27 नवंबर को कैबिनेट ने चार धाम समेत प्रसिद्ध 51 मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड के गठन के फैसले पर मुहर लगाई। सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत इसपर सवाल खड़े कर चुके हैं। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि चार धामों के तीर्थ पुरोहितों के साथ तमाम हक-हकूकधारियों के हितों पर कुठाराघात करने का काम सरकार कर रही है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने आरोप लगाया कि सरकार तीर्थ पुरोहित महापंचायत को विश्वास में लिए बिना तीर्थो के स्वरूप में छेड़छाड़ कर रही है। यह लोकतांत्रिक नहीं है। उन्होंने कहा कि वह महापंचायत के फैसले के साथ हैं और उनका समर्थन करेंगे। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने विश्व प्रसिद्ध चार धामों को श्राइन बोर्ड के हवाले करने के निर्णय को निंदनीय और सनातन धर्म के विपरीत करार दिया। राज्य सरकार ने यह निर्णय लेकर तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों पर हस्तक्षेप का काम किया है। यह धार्मिक स्थलों पर कब्जे की सरकार की कोशिश है।
प्रीतम जाएंगे दिल्ली
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश शनिवार को दिल्ली जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से पार्टी की भारत बचाओ रैली की तैयारियों को लेकर सभी राज्यों से पार्टी अध्यक्षों और विधानमंडल दल के नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में एआइसीसी के पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे।
चार धामों को श्राइन बोर्ड को देना सनातन धर्म के खिलाफ
तीर्थ पुरोहितों के बाद अब कांग्रेस ने भी चार धामों को श्राइन बोर्ड के हवाले करने का कड़ा विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस संगठन महामंत्री विजय सारस्वत ने चार धामों को श्राइन बोर्ड के हवाले करने के फैसले की कड़ी निंदा की और इसे सनातन धर्म के विपरीत बताया। शुक्रवार को सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लेकर तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों को छीनने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि बिना तीर्थ पुरोहित और राज्य की जनता की सहमति के चार धामों के लिए वैष्णो देवी की भांति श्राइन बोर्ड का गठन करने का निर्णय लेना सीधे-सीधे लोगों के धार्मिक स्थलों पर सरकार का कब्जा करने की कोशिश है।
कांग्रेस महामंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में चारों धामों के तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाओं का नितांत अभाव रहा है, सरकार को चाहिए कि यात्रियों को सुविधायें उपलब्ध कराए न कि श्रइन बोर्ड के नाम पर कब्जे की कोशिश करे। उन्होंने कहा कि कहा कि कर्ज के बोझ से दब रही सरकार अब लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर धार्मिक स्थलों की कमाई से अपने बेलगाम खर्चे पूरा करने की कोशिश कर रही है।
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