दुकान आवंटन के मामले में दुकानदारों की विधायक से नोकझोंक
30 दुकानों के आवंटन निरस्त किए जाने के मामले में सोमवार को सुबह संबंधित दुकानदारों ने विधायक प्रदीप बत्रा के घर के बाहर प्रदर्शन किया।
रुड़की, जेएनएन। नगर निगम की 30 दुकानों के आवंटन निरस्त किए जाने के मामले में सोमवार को सुबह संबंधित दुकानदारों ने विधायक प्रदीप बत्रा के घर के बाहर प्रदर्शन किया। विधायक पर दुकानों के आवंटन के लिए पूरी प्रक्रिया न अपनाने का आरोप लगाया है। नारेबाजी करते हुए दुकानदार धरने पर बैठ गए। इस विधायक और दुकानदारों के बीच नोंकझोंक हुई। विधायक पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यापारी को थप्पड़ मारने की बात तक कही। मामले की जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची।
रामनगर और सिविल लाइंस में वर्ष 2012 में आवंटित दुकानों के निरस्त हो जाने से नाराज दुकानदार सिविल लाइंस स्थित नगर विधायक प्रदीप बत्रा के आवास पर पहुंचे। व्यापारियों ने विधायक प्रदीप बत्रा से बात की और दुकानों का आवंटन निरस्त होने पर विरोध जताया। व्यापारियों का कहना था कि दुकान से उनकी रोजी रोटी चल रही है। अब यदि उनकी दुकानें उनसे वापस ले ली जाएंगी तो उनका क्या होगा। विधायक प्रदीप बत्रा की ओर से कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर व्यापारी उनके घर के बाहर धरने पर बैठ गए।
कुछ समय बाद व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रतिनिधि व्यापार मंडल के अध्यक्ष अरविन्द कश्यप के नेतृत्व में विधायक प्रदीप बत्रा से मिलने के लिए उनके घर गया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल दुकानदारों ने विधायक प्रदीप बत्रा से कहा कि जिस समय गर पालिका के चेयरमैन थे, उन्होंने उस समय गलत ढंग से दुकानों का आवंटन कराया। यदि सही प्रक्रिया अपनाई जाती तो उन्हें यह दिन न देखना पड़ता। आवंटन में जो धनराशि खर्च हुई है उसको वापस किया जाए। इस पर विधायक प्रदीप बत्रा भड़क गए।
इसके बाद विधायक व दुकानदारों के बीच नोकझोंक हो गई। विधायक से वार्ता कर लौटे दुकानदारों ने आरोप लगाया कि विधायक ने अभद्रता की है। इस पर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। मामले की जानकारी पाकर कोतवाली रुड़की प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने किसी तरह दुकानदारों को शांत कराया।
दुकानदार गोपाल आहूजा का आरोप है कि विधायक प्रदीप बत्रा ने उनको थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया। वहीं विवेक मल्होत्रा ने बताया कि उनसे मोबाइल छीनने का प्रयास किया गया। इस मौके पर मुरली मनोहर, तिलक राज, कुष्णकुमार, कृष्ण गोपाल, जसविंदर, पुष्पेंद्र, पवन कुमार, देवीदास, राधेश्याम आदि मौजूद रहे।
जब वह नगर पालिका में चेयरमैन थे, उस दौरान दुकानों की छतों का आवंटन किया गया था। इसके लिए सभासद दिलीप कुमार दीप्पा और सभासद अनुराधा ने प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में नियमानुसार पास हुआ। प्रस्ताव पास होने के बाद उसे नियमानुसार ही शासन को भेजा गया था। उन्होंने नियमानुसार ही यह कार्य किया था।
विधायक प्रदीप बत्रा का कहना है कि शासन ने इस मामले में दोबारा आवंटन की बात कही थी, लेकिन दुकानदार हाईकोर्ट चले गए। अभी भी यह मामला हाईकोर्ट में ही विचाराधीन है। उन्होंने किसी के साथ कोई अभद्रता नहीं की है। बिना वजह उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
यह है मामला
नगर निगम (उस समय नगर पालिका) ने वर्ष 2012 में रामनगर में टंकी के पास 23 और सिविल लाइंस चाट मार्केट के सामने छत पर सात दुकानों का आवंटन किया था। यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास कराया गया था, लेकिन शासन से इसकी अनुमति नहीं ली गई थी। जिसके चलते इस मामले में शासन ने दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया है। दुकानदारों ने इसके लिए हाईकोर्ट में रिट दायर की, लेकिन दुकानदार सिंगल बैंच में केस हार गए हैं। अब डबल बैंच में मामला पहुंच गया है। वहां से अभी निर्णय आना बाकी है।
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