Move to Jagran APP

एनएच घोटाले को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस में बवाल तय

एनएच-74 मुआवजा घोटाले की एसआइटी जांच की आंच प्रदेश कांग्रेस तक पहुंचने के साथ ही पार्टी दिग्गजों में गुटबंदी सतह पर आने लगी है। इससे कांग्रेस में बवाल भी तय है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 28 Feb 2018 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 28 Feb 2018 10:48 AM (IST)
एनएच घोटाले को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस में बवाल तय

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: एनएच-74 मुआवजा घोटाले की एसआइटी जांच की आंच प्रदेश कांग्रेस तक पहुंचने के साथ ही पार्टी दिग्गजों में गुटबंदी सतह पर आने के साथ ही बवाल भी तय है। इसकी एक बड़ी वजह प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के गठन में हो रही देरी को भी माना जा रहा है। 

loksabha election banner

इन दोनों ही महत्वपूर्ण इकाइयों में पांव जमाने के लिए वर्षों से पार्टी के लिए जमीन में काम कर रहे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और उन पर विधायकों, सांसदों व पूर्व विधायकों व पूर्व सांसदों को तवज्जो दिए जाने के अंदेशे से पार्टी में असंतोष गहरा रहा है। एनएच घोटाले के बहाने असंतोष के इन सुरों को पार्टी के चुनावी खाते के संचालक सुरेंद्र रांगड़ के पत्र ने और हवा दे दी है। 

एनएच-74 मुआवजा घपले में एसआइटी की पूछताछ की जद में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय में आने के बाद पार्टी दिग्गजों में बेचैनी है। इस घोटाले में नाम जुडऩे से पार्टी के तमाम जिम्मेदार नेता बचने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस के चुनावी खाते का जिक्र होते ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से लेकर तमाम नेता खाते में जमा होने वाली दान राशि के स्रोत के बारे में किसी भी तरह की जानकारी से इन्कार कर रहे हैं। 

उक्त तीनों नेताओं के रुख के बाद चुनावी खाते में जमा धनराशि के स्रोत को लेकर दबाव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर बढ़ता दिख रहा है। इससे पार्टी के भीतर अंतर्कलह और बढ़ना तय है। 

मुसीबतजदा रांगड़ को गिरफ्तारी का डर

प्रदेश कांग्रेस के चुनाव खाते के सहसंचालक रहे सुरेंद्र रांगड़ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को लिखे पत्र में इसकी झलक दिखा दी है। बीते विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर टीम की ओर से बनाई गई वेबसाइट 'हर संग हरदा' के मामले में साइबर क्राइम और लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में जॉब कार्ड को लेकर मुकदमें झेल रहे सुरेंद्र रांगड़ ने अपने पत्र में असंतोष जताते हुए यह भी साफ किया है कि पीसीसी में शामिल किए जाने के उनके दावे पर विचार तक नहीं किया जा रहा है, जबकि वह पार्टी की वजह से मुसीबत में हैं। 

यही नहीं मुआवजा घोटाले में एसआइटी जांच में गिरफ्तारी का अंदेशा जताते हुए अपना दर्द भी बयां कर दिया है। उन्होंने दोबारा पत्र लिखने के संकेत दिए हैं। 

जुझारू कार्यकर्ता उपेक्षा से खफा

दरअसल, रांगड़ के तल्ख पत्र ने प्रदेश कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होने के बावजूद लंबे समय से पीसीसी का गठन नहीं हुआ है। यही हाल अब एआइसीसी का होने जा रहा है। पीसीसी और एआइसीसी के गठन में देरी और इनमें लंबे अरसे से दावा जता रहे संघर्षशील कार्यकर्ताओं का असंतोष जिसतरह खुलकर सामने आने लगा है, उससे पार्टी में घमासान तय माना जा रहा है। 

असंतोष को थामने की चुनौती

दिग्गजों के चहेतों के साथ ही विधायकों, सांसदों और पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों की पीसीसी और एआइसीसी में दावेदारी को अंदरखाने मिल रही तरजीह ने असंतोष को बुलबुला बना दिया है। रांगड़ के पत्र ने इस बुलबुल के फटने के संकेत दे दिए हैं। रांगड़ अपनी व्यथा प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलकर भी बता चुके हैं। \

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने रांगड़ को भी पीसीसी में शामिल करने का भरोसा दिया है। लेकिन रांगड़ के अलावा अन्य जुझारू कार्यकर्ता भी कतार में खड़े हैं। फिलहाल पार्टी के सामने इस बुलबुले को फटने नहीं देने की चुनौती है।

यह भी पढ़ें: पिथौरागढ़ में कांग्रेसियों ने भाजपा के खिलाफ किया प्रदर्शन

यह भी पढ़ें: सीएम का विरोध करने जा रहे कांग्रेसी गिरफ्तार, अस्थाई जेल भेजा

यह भी पढ़ें: उप्र की 61 ग्रामसभा को उत्तराखंड में शामिल करने के प्रयास जारी: हरक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.