नए विचार लेकर आएं 10 लाख रुपये की ग्रांट पाएं, पढ़िए पूरी खबर
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के उपाध्यक्ष डॉ. एमपी पूनिया ने कहा छात्रों नए विचार से साथ आएं और उन्हें 10 लाख रुपये की ग्रांट प्रदान की जाएगी।
देहरादून, जेएनएन। देश की शिक्षा का 80 फीसद ढांचा अनुपयोगी साबित हो रहा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि शिक्षा में नए विचारों व प्रयोगों का समावेश नहीं हो पा रहा है। यह बात ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के उपाध्यक्ष डॉ. एमपी पूनिया ने यूपीईएस में 'एग्रो-हॉर्टिकल्चर सप्लाई चेन कॉन्फ्रेंस-2019Ó के अवसर पर कही।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज में आयोजित सेमीनार में डॉ. पूनिया ने कहा कि शिक्षा जगत को नए अविष्कारों की जरूरत है। इसीलिए काउंसिल ने नवाचार से भरे प्रोजेक्ट के लिए छात्रों को आमंत्रित किया है। वह नए विचार से साथ परियोजना लेकर आएं और उन्हें 10 लाख रुपये की ग्रांट प्रदान की जाएगी। वहीं, आइआइएम अहमदाबाद के प्रो. सुखपाल सिंह ने कहा कि बेहतर सप्लाई चेन देकर किसानों की आजीविका की सुरक्षा की जा सकती है। खासकर छोटे किसानों के लिए इस तरह की सुरक्षा की गारंटी देना जरूरी है। उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. नरेंद्र चौधरी ने बताया कि वह कृषि में आइटी के समावेश के लिए गहनता के साथ काम कर रहे हैं। वहीं सेमीनार में विभिन्न शोधपत्र भी प्रस्तुत किए गए और उनके मूल्यांकन के आधार पर शोधार्थियों को पुरस्कृत किया गया। कॉन्फ्रेंस में डॉ. विजय सरदाना, डॉ. एनके विश्नोई, डॉ. पीएन हरिकुमार, डॉ. अजीत कुमार आदि ने भी विचार रखे।
यह भी पढ़ें: किसानों को 72 नहीं, 36 करोड़ मिलने की उम्मीद, पढ़िए पूरी खबर
इनके शोधपत्रों को मिला पुरस्कार
- स्थान, छात्र
- पहला, देवकांत काला, हितिका वाधवा (यूपीईएस)
- दूसरा, शिवानी स्वरोग, डॉ. हिरनमॉय रॉय (यूपीईएस)
- तीसरा, अभिषेक शर्मा, अर्जुन सिंह नेगी (यूपीईएस)
- स्थान, (फैकल्टी वर्ग)
- पहला, डॉ. गौतम श्रीवास्तव, डॉ. नीरज आनंद, डॉ. अरविंद जैन।
- दूसरा, धीरेंद्र प्रजापति, डॉ. अजय झा।
- तीसरा, डॉ. उपनंदा , डॉ. हिरनमॉय रॉय।
- पोस्टर प्रस्तुतीकरण
- स्थान, प्रतिभागी
- पहला, यामीझाला सुधीर, साक्षी टंडन।
- दूसरा, अनमोल गुप्ता
- तीसरा, काजोल कौर, रागिनी।
यह भी पढ़ें: स्टार्टअप' में आइआइटी और आइआइएम से मिलेगी कड़ी चुनौती, पढ़िए पूरी खबर