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गंगा में मिल रहे नालों को सीवर प्वाइंट नहीं, सेल्फी प्वाइंट बनाएंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि 2020 तक गंगा को गंदे नालों से मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। क्योंकि गंगा देश के विकास में अहम भूमिका निभाती है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 09:05 PM (IST)
गंगा में मिल रहे नालों को सीवर प्वाइंट नहीं, सेल्फी प्वाइंट बनाएंगे
गंगा में मिल रहे नालों को सीवर प्वाइंट नहीं, सेल्फी प्वाइंट बनाएंगे

ऋषिकेश, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा राष्ट्र के विकास की धारा है। इसमें मिलने वाले सभी स्रोत स्वच्छ होने चाहिए। हमने 2020 तक गंगा में मिल रहे सभी गंदे नालों के उपचार का संकल्प लिया है।

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चंद्रेश्वर नगर निकट श्मशान घाट में कई वर्षों से ढालवाला और मुनिकीरेती क्षेत्र से बहकर आने वाला गंदा नाला सीधे गंगा में मिलता था। इस नाले के पानी को स्वच्छ करने के लिए परमार्थ निकेतन व गंगा एक्शन परिवार ने इनजीइओ और फ्लेक्सी टफ कंपनी के सहयोग से बायो रि-मेडिएशन सीवरेज ट्रीटमेंट सिस्टम लगाया है। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम में किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा के मायके से इसे शुद्ध करने की शुरुआत हो चुकी है। यह संदेश गंगासागर तक जाएगा। नई तकनीक से गंदे पानी के स्रोत को शुद्ध करने की यह शुरुआत है। 2020 तक गंगा में मिल रहे हैं सभी नालों को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प हमने लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सभ्यता का विकास गंगा जमुना के किनारे हुआ है। गंगा ही नहीं बल्कि तमाम नदियों और स्रोतों को हम प्रदूषण मुक्त बनाने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश गंगा तट पर किया गया प्रयोग सफल रहा है। इसे अन्य जगह भी उपयोग में लाया जाएगा। 

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हम उत्तराखंड प्रदेश के वासी हैं जहां से गंगा निकलती है। हम सभी स्लम एरिया, सीवर क्षेत्र को सेल्फी प्वाइंट बनाएंगे। अब गंगा की स्वच्छता के लिए अनशन नहीं बल्कि एक्शन की जरूरत है। गंगा तट पर बंद और क्षतिग्रस्त शौचालयों का भी रखरखाव करेंगे। 

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस पुनीत कार्य की शुरुआत ऋषिकेश से हुई है अन्य क्षेत्रों में भी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के अभियान को इससे गति मिलेगी। नमामि गंगे परियोजना भारत सरकार के महानिदेशक राजीव रंजन ने बताया कि ऋषिकेश मुनि की रेती हरिद्वार से सभी जगह गंगा में मिल रहे नालों को टेप करने की योजना इस परियोजना में शामिल की गई है। आने वाले 15 वर्षों तक इनके रखरखाव का खर्च नमामि गंगे से होगा। 

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार, नमामि गंगे भारत सरकार के निदेशक संदीप कुमार, प्रवीण कुमार, उत्तराखंड के निदेशक राजीव लांगर, प्रमुख सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी, इनजीईओ कंपनी के निदेशक रजनीश मेहरा,नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी भी मौजूद रहे।

नाले के समीप मुख्यमंत्री ने ली सेल्फी

चंद्रेश्वर नगर नाले को सीवर प्वाइंट की जगह सेल्फी प्वाइंट बनाने की घोषणा को अमल में लाते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मौके पर लगाए गए संयंत्र का मुआयना किया। वहां मौजूद भारतीय और नीदरलैंड से आए वैज्ञानिकों से बातचीत की। नाले से निकलने वाले गंदे पानी के शुद्धिकरण स्थल पर खड़े होकर मुख्यमंत्री ने कई सेल्फी ली। इस नाले के ऊपर खड़े होकर सोशल मीडिया में ऋषिकेश में गंगा की दुर्दशा को वायरल करने वाले विकास नामक व्यक्ति को मंच में स्थान दिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनका यह वीडियो मुझे गुवाहाटी से भेजा गया था, जिसे देख कर मैं स्वयं चिंतित हुआ।

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