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उत्‍तराखंड में पेयजल और सीवरेज का टैरिफ होगा कम : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

चुनावी वर्ष के मद्देनजर प्रदेश सरकार पेयजल उपभोक्ताओं को राहत देने जा रही है। इसके तहत पेयजल एवं सीवरेज के टैरिफ को कम करने की तैयारी है। पेयजल टैरिफ पुनरीक्षण के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत दिए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 05:49 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 10:19 PM (IST)
उत्‍तराखंड में पेयजल और सीवरेज का टैरिफ होगा कम : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। चुनावी वर्ष के मद्देनजर प्रदेश सरकार पेयजल उपभोक्ताओं को राहत देने जा रही है। इसके तहत पेयजल एवं सीवरेज के टैरिफ को कम करने की तैयारी है। पेयजल टैरिफ पुनरीक्षण के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि जल मूल्य एवं सीवर अनुरक्षण दरों के लिए वर्तमान में लागू टैरिफ में भारी जटिलताएं हैं। ऐसे में इनका सरलीकरण किया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने पेयजल टैरिफ पुनरीक्षण के लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत की समिति को इस प्रकरण में सभी तथ्यों का जल्द आकलन करने को कहा। यह समिति शीघ्र ही अपनी संस्तुति मुख्यमंत्री को उपलब्ध कराएगी और फिर इस संबंध में नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।

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 बैठक में पेयजल टैरिफ के मद्देनजर विभाग द्वारा तैयार किए मसौदे के बारे में भी मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई। बताया गया कि जल मूल्य और सीवर अनुरक्षण दरों में वर्तमान में कई तरह की असमानताएं हैं। कहीं दरें अधिक हैं तो कहीं कम। ऐसे में जरूरी है कि ये दरें समान हों। जितने पानी की खपत उसी हिसाब से बिल भी लिया जाना चाहिए। मसौदे में बिजली बिलों की तरह मीटरिंग के आधार पर पानी के बिल लिए जाने के मद्देनजर प्रत्येक जल संयोजन पर मीटर लगाने का सुझाव दिया गया है।

भूजल के दोहन पर वार्षिक जलकर का सुझाव

जिन उपभोक्ताओं ने पेयजल संयोजन नहीं लिए हैं और वे भूजल के दोहन अथवा अन्य माध्यमों से पेयजल प्राप्त कर रहे हैं, उनसे वार्षिक जलकर लिए जाने का भी प्रस्ताव है। भूजल एवं सतही जल के दुरुपयोग को रोकने के दृष्टिगत किराए के टैंकरों से जलापूर्ति के लिए पंजीकरण की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में सीवर व्यवस्था है और वहां किसी भवन अथवा प्रतिष्ठान ने सीवर संयोजन नहीं लिया है तो उनसे भवन के वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर वार्षिक सीवर कर लिए जाने भी प्रस्ताव है। बैठक में इन सभी बिंदुओं पर भी चर्चा की गई।

बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव पेयजल नितेश झा, सचिव मुख्यमंत्री डा.पराग मधुकर धकाते आदि मौजूद थे। उधर, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि समिति की अगली बैठक अगले सप्ताह होगी, जिसमें प्रत्येक पहलू पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

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