अगर आप भी निजी लैब में करा रहे हैं अपनी जांच, तो ये खबर जरूर पढ़ लें
निजी लैब पर अपनी जांच करा रहे हैं तो इसकी विश्वसनीयता का भी तकाजा कर लीजिए। यह भी संभव है कि यहां जांच में कुछ बताया जाए और अन्य जगह जांच कराने पर कुछ और निकले।
देहरादून, जेएनएन। आप अगर किसी निजी लैब पर अपनी जांच करा रहे हैं तो इसकी विश्वसनीयता का भी तकाजा कर लीजिए। यह भी संभव है कि यहां जांच में कुछ बताया जाए और अन्य जगह जांच कराने पर कुछ और निकले। इसका उदाहरण हैं डीएवी पीजी कॉलेज में अंग्रेजी के प्राध्यापक डॉ. हरबीर सिंह रंधावा। जिन्होंने एक ही जांच अलग-अलग लैब में करवाई। हद देखिए कि रिपोर्ट भिन्न आई। उन्होंने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम और सीएमओ से करने की बात कही है।
डॉ. रंधावा ने बताया कि उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चर्म विशेषज्ञ डॉ. नाजिया खातून को कुछ दिन पहले दिखाया था। उन्होंने उन्हें थायराइड और लिवर संबंधी जांच कराने को कहा था। बताया कि सुभाष रोड स्थित एक निजी लैब पर जब जांच कराई और उसकी रिपोर्ट चिकित्सक को तो दिखाई तो उन्होंने रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ होने की आशंका जाहिर की। क्योंकि रिपोर्ट में एसजी ओटी एएसटी सीरम 64 आया। जो सामान्यत: 15 से 46 होता है।
वहीं, थायराइड टीएचएस 7.07 दर्शाया गया। जिसकी नार्मल रेंज 0.5-3.0 होती है। बताया कि दो अन्य लैबों पर जांच कराई गई तो एसजी ओटी एएसटी सीरम 21 था, वहीं, थायराइड टीएचएस नार्मल रेंज 2.04 था और टी-3 और टी-4 अलग-अलग दर्ज था। कहा कि गलत रिपोर्ट देना मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है। उन्होंने बताया कि संचालक से शिकायत की गई तो उन्होंने तकनीकी खामी बताकर पल्ला झाड़ लिया। कहा कि इसकी शिकायत वह सीएमओ और उपभोक्ता फोरम में करेंगे। ताकि लोग जागरूक हो और उन्हें ऐसे परेशान न होना पड़े।
उधर, सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता का कहना है कि शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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