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चौरासी कुटी बनी पर्यटकों की पहली पसंद, वर्ष 1968 में बीटल्स ग्रुप ने यहां बनाई कई धुनें और गीत; देखें तस्‍वीरों में

Chaurasi Kutia Rishikesh Pics राजाजी टाइगर रिजर्व के पास महर्षि महेश योगी की विरासत शंकराचार्य नगर (चौरासी कुटी) है। यह किसी बेसकीमती खजान से कम नहीं है। इन गुफाओं का निर्माण इस जगह को ध्यान-योग केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए किया गया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 05:48 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 12:15 PM (IST)
चौरासी कुटी बनी पर्यटकों की पहली पसंद, वर्ष 1968 में बीटल्स ग्रुप ने यहां बनाई कई धुनें और गीत; देखें तस्‍वीरों में
Chaurasi Kutia Rishikesh: महर्षि महेश योगी की विरासत शंकराचार्य नगर राजाजी के लिए किसी बेसकीमती खजाने से कम नहीं है।

दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। भावातीत ध्यान योग के प्रणेता महर्षि महेश योगी की विरासत शंकराचार्य नगर (चौरासी कुटी) राजाजी टाइगर रिजर्व के लिए किसी बेसकीमती खजाने से कम नहीं है। तीस साल तक नीति नियंताओं की अदूरदर्शिता के चलते गुमनामी के अंधेरे में रही यह विरासत पिछले छह वर्षों में राजाजी टाइगर रिजर्व के खजाने में 2.33 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी दे चुकी है।

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भावातीत ध्यान योग के लिए विश्व विख्यात महर्षि महेश योगी ने वर्ष 1961 में स्वर्गाश्रम (ऋषिकेश) के पास वन विभाग से 15 एकड़ भूमि लीज पर लेकर यहां शंकराचार्य नगर की स्थापना की थी। यहां उन्होंने अद्भुत वास्तुशौली वाली चौरासी छोटी-छोटी कुटियों और सौ से अधिक गुफाओं का निर्माण कर इस जगह को ध्यान-योग केंद्र के रूप में विकसित किया।

वर्ष 1983 में राजाजी नेशनल पार्क बनने और वर्ष 1986 में पार्क का सीमा विस्तार होने पर चौरासी कुटिया पार्क क्षेत्र में आ गई। पर्यटकों की आवाजाही के कठोर नियम होने और संसाधनों का विस्तार संभव न हो पाने की वजह से महर्षि महेश योगी ने इसे वन विभाग के सुपुर्द कर दिया और स्वयं उन्होंने नीदरलैंड का रुखकर दिया। इसके साथ ही चौरासी कुटिया क्षेत्र में आम नागरिकों का प्रवेश वर्जित हो गया। नतीजा यह हुआ कि देखरेख के अभाव में यहां बनी कुटिया व गुफाएं जर्जर हो गईं और पूरा परिसर बंजर होता चला गया।

छह वर्ष पूर्व आठ दिसंबर 2015 में वन विभाग ने इस परिसर की सफाई व मरम्मत कर इसे दोबारा पर्यटकों के लिए खोला गया। इसके बाद से देशी-विदेशी पर्यटक, छात्र व वरिष्ठ नागरिक निश्चित शुल्क अदा कर यहां घूमने के लिए आ रहे हैं। चौरासी कुटी के खुलने के बाद यहां लगातार पर्यटकों की आमद बढ़ी है। पर्यटकों से लिए जाने वाले शुल्क से पार्क प्रशासन की आमदनी बढ़ती जा रही है।

वन क्षेत्राधिकारी धीन सिंह ने बताया कि बीते छह वर्षों में 1,39,176 विदेशी और भारतीय पर्यटक चौरासी कुटी का भ्रमण कर चुके हैं। इन पर्यटकों के प्राप्त शुल्क से राजाजी पार्क प्रशासन को दो करोड़ 33 लाख 29 हजार 685 रुपये की आमदनी प्राप्त की है।

बीटल्स ग्रुप के आगमन से मिल प्रसिद्धि

वर्ष 1968 में ऋषिकेश के समीप बसे शंकराचार्य नगर (चौरासी कुटी) को योग व ध्यान के केंद्र के रूप में तब देश-दुनिया में प्रसिद्धि मिली, जब ब्रिटेन का विश्व प्रसिद्ध म्यूजिकल ग्रुप बीटल्स यहां पहुंचा। बीटल्स ग्रुप के चार सदस्य जार्ज हैरिसन, पाल मैकेनिक, रिंगो स्टार व जान लेनन ने एक लंबे अंतराल तक यहां रहे। उस दौर के मशहूर इस म्यूजिकल ग्रुप ने यहां रहते हुए कई धुनें और गीत भी यहां रचे थे। बीटल्स ग्रुप के यहां आने के बाद तीर्थनगरी ऋषिकेश, विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई। इसके बाद ऋषिकेश विश्व पटल पर योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में पहचाना जाने लगा।

कोरोना महामारी का पड़ा आमदनी पर असर

विश्वव्यापी कोरोना महामारी का भी बड़ा असर चौरासी कुटी पर पड़ा है। दिसंबर 2015 में जब पहली बार चौरासी कुटी को पर्यटकों के लिए खोला गया तब मार्च 2016 तक यहां 4975 पर्यटक पहुंच गए थे। जबकि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 9685, वर्ष 2017-18 में 18313 तथा वर्ष 2018-19 में 30047 पर्यटक चौरासी कुटी के दीदार को पहुंचे। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सर्वाधिक 42233 पर्यटकों ने चौरासी कुटी में भ्रमण के लिए आए। मार्च 2020 में विश्वव्यापी कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा तो चौरासी कुटी को भी बंद करना पड़ा। जिसके बाद 16 अक्टूबर 2020 को फिर से चौरासी कुटी को पर्यटकों के लिए खोला गया। इसके बाद इस वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते चौरासी कुटी में पर्यटकों की आमद कुछ कम रही।

पर्यटक सुविधाओं का किया गया विस्तार

चौरासी कुटी को खोलने के बाद यहां कुछ पर्यटक सुविधाओं का विस्तार भी किया गया। रेंज अधिकारी धीर सिंह ने बताया कि चौरासी कुटी में हाल में ही हर्बल गार्डन और नवग्रह वाटिका की स्थापना की गई। इसके अलावा पर्यटकों के लिए पीने का पानी, बायो टायलेट, नेचर पाथ, बैम्बो हट, सोलर स्ट्रीट लाइट, म्यूजिक सिस्टम तथा दूरबीन आदि की व्यवस्था की गई हैं।

छह साल में चौरासी कुटी पहुंचे पर्यटक व प्राप्त राजस्व

  • वित्तीय वर्ष, भारतीय पर्यटक, विदेशी पर्यटक, प्राप्त आय
  • 2015-16, 3960, 1015, 1161300
  • 2016-17, 8971, 714, 1573210
  • 2017-18, 16312, 2001, 2961235
  • 2018-19, 26056, 3991, 5532765
  • 2019-20, 36691, 5542, 8168715
  • 2020-21, 19700, 73, 2466405
  • 2021-से अब तक, 14135, 15, 1466055
  • कुल, भारतीय व विदेशी पर्यटक 139176, 23329685.00 रुपये

चौरासी कुटी में प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क

  • विदेशी पर्यटक- 600 रुपये
  • भारतीय पर्यटक-150 रुपये
  • वरिष्ठ नागरिक-75 रुपये
  • विद्यार्थी- 40 रुपये

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