चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में गंगोत्री बाजार बंद, गंगाजल ले जाने तक को नहीं मिल रहे बर्तन
Charhdam Devasthanam Management Board देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में व्यापारियों ने गंगोत्री बाजार को पूरी तरह से बंद रखा है।आलम ये है कि यात्रियों को गंगा जल लेकर जाने के लिए बर्तन तक नहीं मिल पा रहे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध का असर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दिखा। गंगोत्री धाम में व्यापारियों ने सोमवार सुबह से लेकर शाम तक गंगोत्री बाजार पूर्ण रूप से बंद रखा। व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों गंगोत्री मंदिर से लेकर बस अड्डे तक जुलूस भी निकाला। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ जुलूस निकाला। यात्रियों को गंगा जल लेकर जाने के लिए बर्तन तक नहीं मिल पा रहे रहे हैं। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहित भी गंगोत्री मंदिर की नियमित पूजा को छोड़कर तीर्थ यात्रियों के आग्रह पर होने वाली गंगा घाट पूजा व विशेष पूजा पाठ से विरत हैं। जबकि यमुनोत्री धाम में सोमवार दोपहर से लेकर शाम तक तीर्थ पुरोहित घाट पूजा व विशेष पूजा पाठ से विरत रहे। साथ ही यमुनोत्री धाम में भी व्यापारियों ने बाजार भी बंद रखा।
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को रद्द करने के बजाय सरकार अब तीर्थ पुरोहितों को भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों की जब 11 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात हुई थी तो उस बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया था कि 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया जाएगा। लेकिन, तय तिथि पर सरकार की ओर से देवस्थानम को भंग करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकार की इस वादा खिलाफी को लेकर तीर्थ पुरोहितों और गंगोत्री धाम के व्यापारियों ने सामूहिक रूप से विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित अपनी बात को प्रधानमंत्री तक भी पहुंचाएंगे। इसके लिए गंगोत्री के कुछ तीर्थ पुरोहित केदारनाथ के लिए कूच करेंगे। इस मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष इंद्रदेव सेमवाल, संजय सेमवाल, मुकेश सेमवाल, गणेश सेमवाल, कमल नयन सेमवाल, माधव प्रसाद, राजेश सेमवाल आदि मौजूद थे।