चारधाम यात्रा को लेकर चिंतित परिवहन व्यवसायी, सरकार से टैक्स में छूट देने का अनुरोध
प्रदेश में चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन व्यवसायी बेहद चिंतित हैं। उन्होंने सरकार से टैक्स में छूट देने के साथ इंश्योरेंस व बैंक के ऋण की समयसीमा में छूट देने का अनुरोध किया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन व्यवसायी बेहद चिंतित हैं। यात्रा के लिए पहले ही परिवहन व्यवसायी वाहनों के रखरखाव व मरम्मत पर काफी पैसा खर्च कर चुके हैं और अब लॉकडाउन होने के कारण उनकी आर्थिकी को तगड़ा झटका लगा है। ऐसे में अब उन्होंने सरकार से टैक्स में छूट देने के साथ ही इंश्योरेंस व बैंक के ऋण की समयसीमा में भी छूट देने का अनुरोध किया है।
प्रदेश में चारधाम यात्रा के दौरान लाखों यात्री उत्तराखंड आते हैं। इसके बाद वे प्रदेश के यात्री वाहनों से ही चारधाम की यात्रा पूरी करते हैं। यात्रा में सबसे अधिक वाहन संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अंतर्गत चलते हैं। इसमें सभी यात्री वाहनों को यात्रियों की संख्या के हिसाब से रोटेशन पर संचालित किया जाता है। तकरीबन छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के जरिये ही अधिकांश परिवहन व्यवसायी अपनी साल भर की यात्रा का खर्च निकालते हैं।
यात्रा की तैयारी तकरीबन तीन-चार माह पहले से ही शुरू हो जाती है। इस बार भी हमेशा की तरह परिवहन व्यवसायियों ने जनवरी माह से ही अपने वाहनों को ठीक करने, नए वाहन लेने, अपने कागजात को पूरा करने का काम करना शुरू कर दिया था। इसके लिए किसी ने ऋण पर पैसा लिया तो किसी ने अपनी जमा पूंजी लगाई। इस उम्मीद के साथ कि यात्रा शुरू होने के बाद सारी आर्थिकी सुधर जाएगी।
कोरेाना महामारी के कारण मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद इनका काम पूरी तरह प्रभावित हुआ है। अब तीन मई को अगर लॉकडाउन खुलता भी है तो मौजूदा परिस्थितियों में यात्रा जल्द शुरू होती नजर नहीं आ रही है। ऐसे में परिवहन व्यवसायियों के सामने रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है।
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संयुक्त रोटेशन यात्रा समिति के अध्यक्ष मनोज ध्यानी का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियां बेहद विकट हैं। यात्रा जल्द शुरू होती नजर नहीं आ रही है। इसे देखते हुए सरकार के सामने परिवहन व्यवसायियों की समस्याओं को उठाया गया है। सरकार से वाहनों के टैक्स में छूट देने, चालक परिचालकों के लिए सहूलियत देने, इंश्योरेंस समाप्त होने वाले वाहनों का समय बढ़ाने आदि की मांग की गई है। उम्मीद है कि सरकार इस संबंध में उचित कदम उठाएगी। सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि सरकार ने इस प्रकार की समस्याओं को देखते हुए एक समिति का गठन किया है। इसमें परिवहन व्यवसायियों की समस्याओं को भी सुना गया है। जल्द ही इन पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
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