चंद्रयान-3 की कामयाबी में होगी चंद्रयान-2 की अहम भूमिका, पढ़िए पूरी खबर
चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी में चंद्रयान-2 की अहम भूमिका होगी। अगले साल के शुरू में चंद्रयान-3 लांच कर दिया जाएगा। जिसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।
देहरादून, जेएनएन। चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी में चंद्रयान-2 की अहम भूमिका होगी। अगले साल के शुरू में चंद्रयान-3 लांच कर दिया जाएगा। जिसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।
इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. एएस किरन ने इस विषय पर मीडिया से बात करते कहा कि तकनीकी क्षेत्र में आपको हमेशा इस बात के लिए तैयार रहना होता कि कभी भी, कुछ भी हो सकता है। यह जरूरी नहीं कि आप हमेशा सफल ही होंगे। आप अनुभव के आधार पर ही आगे बढ़ते हैं। यही अनुभव चंद्रयान-3 में मददगार साबित होंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आपदा के लिहाज से बहुत संवेदनशील है। ऐसे में इसरो यूसैक के साथ मिलकर एक प्रभावी अर्ली वार्निंग सिस्टम तैयार करने में मदद करेगा। कहा कि उत्तराखंड में अंतरिक्ष उपयोग केंद्र काफी वक्त से और काफी अच्छा काम कर रहा है।
अब अपना भवन मिल जाने से इसकी कार्यक्षमता और बढ़ेगी। कहा कि हमारे पास अलग-अलग रिमोट सेसिंग सैटेलाइट हैं, जिनसे कई तरह का डाटा मिलता है। इससे न केवल सूक्ष्म स्तरीय नियोजन में मदद मिलती है, बल्कि जियोस्पेशियल टेक्नोलॉजी के माध्यम से बहुत से काम सुगमता से हो सकते हैं। ऐसे में उत्तराखंड के लिहाज से यह एक अच्छा कदम साबित होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आपदा को कम नहीं किया जा सकता। प्रकृति में इतनी ताकत है कि आप उसे रोक नहीं सकते। पर इतना जरूर है कि अर्ली वार्निंग सिस्टम के तहत आप पहले अलर्ट जरूर हो सकते हैं। जिससे सैकड़ों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। इससे अलावा आप तमाम सुविधा व संसाधन भी वक्त पर जुटा सकते हैं। इसी का प्रयास भी रहेगा।
बाल विज्ञानियों ने पेश किए विज्ञान के मॉडल
बाल विज्ञानियों को मंच देने के लिए समग्र शिक्षा अभियान की ओर से 'सपनों की उड़ान' और बाल शोध मेले का आयोजन किया गया। जिला स्तरीय मेले में दून के विभिन्न सरकारी स्कूलों से चयनित बाल विज्ञानियों ने अपने मॉडलों की प्रदर्शनी लगाई।
सोमवार को पथरी बाग स्थित लक्ष्मण विद्यालय में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन देहरादून डायट प्रधानाचार्य डॉ. राकेश जुगरान, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक यशवंत चौधरी समेत अन्य लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने सोलर लाइट, जल संरक्षण, हाइड्रोलिक मशीन, पवन ऊर्जा समेत अन्य कई विषयों पर विज्ञान के मॉडल पेश किए।
विभिन्न वर्ग की प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे बाल विज्ञानियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि स्कूलों में पढ़ रहे बाल विज्ञानियों के लिए ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन होना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा बच्चों को ऐसी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने पर जोर दिया। डायट प्रधानाचार्य डॉ. राकेश जुगरान ने कहा कि स्कूली बच्चों में शोध की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए यह सार्थक प्रयास है।
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जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन राकेश उनियाल और डॉ. दीपक नवानी ने किया। कार्यक्रम में भास्कर रावत, राम सिंह चौहान, अजीत पाल रौथाण, रोहित बिष्ट, अमिता रावत, विनय रावत, नीरज, कुलवीर, संदीप कुलदीप समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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