कश्मीरी छात्रों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, राज्य को दिए निर्देश Dehradun News
उत्तराखंड के शिक्षा संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों को अनुपस्थित रहने व फीस ना चुकाने पर परेशान करने के मामला में केंद्र सरकार गंभीर है।
By Edited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 04:15 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। राज्य के शिक्षा संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों को अनुपस्थित रहने और फीस ना चुकाने पर परेशान करने के मामले में केंद्र सरकार गंभीर है। केंद्र ने उत्तराखंड सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कश्मीर घाटी के छात्रों से लेट फीस और अनुपस्थित रहने पर अतिरिक्त फीस न वसूली जाए।
दरअसल, पिछले दिनों घाटी में प्रतिबंध के कारण कई छात्र संस्थानों में नहीं आ पाए और समय पर फीस का भुगतान भी नहीं कर सके। शिकायत है कि ऐसे छात्रों से 5000 से 12000 के बीच अतिरिक्त फीस वसूली जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के छात्रों के हितों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्रों की समस्याओं का समाधान कराया गया है। जांच समिति का दावा, नहीं वसूली अतिरिक्त फीस
केंद्र सरकार की ओर से मिले निर्देश के बाद राज्य के अधिकारियों ने कॉलेजों का निरीक्षण किया व जाच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति में संयुक्त निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. कुमकुम रौतेला, सहायक निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. डीके गोस्वामी और डीएम की ओर से नामित प्रतिनिधि शामिल रहे। समिति ने बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, देहरादून और अन्य संस्थानों में जाकर सभी पक्षों से बात की।
उन्होंने पाया कि बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, देहरादून में मात्र तीन विद्यार्थियों से 30 रुपये, 40 रुपये और 60 रुपये विलंब शुल्क वसूला गया है। अन्य संस्थानों में कश्मीरी विद्यार्थियों से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं वसूला गया है।
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