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देहरादून में क्‍वारंटाइन सेंटरों की क्षमता चार हजार बेड पार, इसमें पेड क्‍वारंटाइन भी शामिल

दून में क्वारंटाइन सेंटरों की संख्या निरंतर बढ़ाई जा रही है। इसके साथ ही यहां कुल बेड की क्षमता 4000 पार कर गई है। इसमें पेड क्वारंटाइन के रूप में होटल के बेड भी शामिल हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 12:47 PM (IST)
देहरादून में क्‍वारंटाइन सेंटरों की क्षमता चार हजार बेड पार, इसमें पेड क्‍वारंटाइन भी शामिल

देहरादून, जेएनएन। दून में क्वारंटाइन सेंटरों की संख्या निरंतर बढ़ाई जा रही है। इसके साथ ही यहां कुल बेड की क्षमता 4000 पार कर गई है। इसमें पेड क्वारंटाइन के रूप में होटल के बेड भी शामिल हैं।

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डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए लोगों की संख्या बुधवार को सर्वाधिक 1400 को पार कर गई है। सात दिन के लिए लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। इस दौरान सभी लोगों के सैंपल लिए जाएंगे। वहीं मंगलवार देर रात को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर 12 प्रवासी ऐसे थे, जिनके पास पेड क्वारंटाइन में रहने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने साफ इन्कार कर दिया था कि वह पेड क्वारंटाइन का खर्च वहन करने में पूरी तरह असमर्थ हैं। इसके बाद उपजिलाधिकारी डोईवाला ने जिलाधिकारी के निर्देश पर इन लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया। वहीं गोवा से दून आई एक युवती ने राजपुर रोड स्थित होटल सॉलिटेयर एक्सप्रेस के विकल्प को चुना। हालांकि, उनकी मांग है कि उन्हें घर का भोजन दिया जाए। इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम की तर्ज पर वाईफाई की धीमी स्पीड की भी उन्होंने शिकायत की है।

और 34 होटलों का किया अधिग्रहण

जिला प्रशासन ने पेड क्वारंटाइन की संख्या बढ़ाने के लिए 34 और होटलों का अधिग्रहण कर लिया है। अब पेड क्वारंटाइन सेंटरों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। इनमें न्यूनतम प्रतिदिन का किराया 700 रुपये व अधिकतम 2000 रुपये है। भोजन का खर्च हर बार 150 रुपये अतिरिक्त लिया जाएगा।

प्रदेश में अब सुधरेगी क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति

प्रदेश में अब क्वारंटाइन केंद्रों की बदहाल स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद प्रदेश सरकार ने इनकी हालत सुधारने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने यहां बिजली पानी व पौष्टिक भोजन समेत अन्य तमाम व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। एडीएम स्तर के अधिकारी इसके नोडल ऑफिसर होंगे। उप जिलाधिकारियों को सभी केंद्रों का निरीक्षण करने के साथ ही ही इनकी फोटो व वीडियो राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में भेजने के लिए निर्देशित किया गया है। ये सभी जानकारी 30 मई तक उपलब्ध कराने को कहा गया है।

प्रदेश में इस समय बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से प्रवासी आ रहे हैं। इन प्रवासियों को नियमानुसार संस्थागत एवं होम क्वारंटाइन किया जा रहा है। इन से कई क्वारंटाइन सेंटर ऐसे हैं जो बदहाल स्थिति में हैं। यहां आने वाले प्रवासी इस पर सख्त नाराजगी भी जता चुके हैं। यहां तक कि क्वांटरटाइन सेंटरों की सुविधा के संबंध में हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका लगाई जा चुकी है। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार अब शासन ने क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश जारी किए हैं।

इसके तहत शासन ने सभी जिलाधिकारियों को क्वारंटाइन सेंटरों में बिजली-पानी, स्वच्छता व नियमित सेनिटाइजेशन, साफ बिस्तर, तीन समय पौष्टिक भोजन, पर्याप्त संख्या में स्वच्छ शौचालय, नियमित चिकित्सकीय परीक्षण, 24 घंटे केयरटेकर की व्यवस्था, क्या करें, क्या न करें के संबंध में बोर्ड में जानकारी देना, मनोरंजन की व्यवस्था, मास्क व सेनिटाइजर की व्यवस्था और सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन कराना सुनिश्चित करने को कहा गया है।

गर्भवती और छोटे बच्चे वाले दंपती होंगे होम क्वारंटाइन

बाहर से देहरादून आने वाले लोगों को संस्थागत व पेड क्वारंटाइन किए जाने वाले नियमों में ढील दी गई है। अब गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष तक के बच्चे वाले दंपती को संस्थागत क्वारंटाइन में रखने की जगह होम क्वारंटाइन में जाने की छूट जिला प्रशासन ने दे दी है। हालांकि, इसके लिए पहले नोडल अधिकारी व स्वास्थ्य दल की संस्तुति जरूरी होगी।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को भी होम क्वारंटाइन में जाने की छूट होगी। इसके अलावा स्वजनों की मृत्यु पर आने वाले व गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी होम क्वारंटाइन में रहने की छूट दी जाएगी। दूसरी तरफ सेना और अर्ध सैनिक बलों के जवानों, उनके स्वजनों को संस्थागत क्वारंटाइन की जगह संबंधित यूनिट में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रहने की अनुमति दी जाएगी।

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क्वारंटाइन सेंटरों में लगाई शिक्षकों की ड्यूटी

देहरादून में प्रवासियों की आमद के साथ क्वारंटाइन सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। लिहाजा, इन सेंटरों में भोजन, बिस्तर, बिजली, पानी, पंखे आदि की सुविधाओं के लिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत भी महसूस होने लगी है। पूर्व में क्वारंटाइन सेंटरों में लोनिवि के कार्मिकों व पीआरडी जवानों की तैनाती कर दी गई थी। अब क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए शिक्षकों की ड्यूटी भी लगा दी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकतर लोग क्वारंटाइन नियमों का पालन कर रहे हैं।

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