फिर हरकत में आया प्रशासन, दून में अतिक्रमण पर चलेगा डोजर Dehradun News
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राजधानी की सड़कों को अतिक्रमणमुक्त करने में फेल रहे जिला प्रशासन ने एक बार फिर अतिक्रमण ध्वस्त करने की तैयारी कर ली है।
देहरादून, जेएनएन। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राजधानी की सड़कों को अतिक्रमणमुक्त करने में फेल रहे जिला प्रशासन ने एक बार फिर अतिक्रमण ध्वस्त करने की तैयारी कर ली है। डेढ़ साल पूर्व हाईकोर्ट की ओर से दून में हुए अतिक्रमण पर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया था।
ढुलमुल रवैये के चलते जहां अतिक्रमण तोड़ा गया था, वहां दोबारा अवैध कब्जे हो चुके हैं। अब हाईकोर्ट की ओर से प्रकरण पर दोबारा रिपोर्ट मांगी गई है तो अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने की याद फिर आ गई। हालांकि, पूर्व में चलाए अभियान के दौरान मौजूद अधिकारियों का ट्रांसफर होने से दोबारा अभियान शुरू करने की तैयारी को झटका लगा है। इसके लिए जिला स्तर पर रणनीति बनाने की बात कही जा रही है।
राजधानी में हाईकोर्ट के आदेश पर डेढ़ साल बाद अतिक्रमण पर फिर प्रशासन का डोजर चलेगा। इसे लेकर जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने कैंप आफिस में अधिकारियों की बैठक ली। इसमें पहले चलाए गए अभियान की समीक्षा की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि शहर में अनधिकृत निर्माणों, अतिक्रमण हटाने में किसी तरह दबाव में न आएं।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिन स्थानों पर पूर्व में अतिक्रमण हटाया जा चुका है, वहां दोबारा अतिक्रमण मिलता है तो ऐसे लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाए। इसी तरह पूर्व में चिह्नित एवं नए अतिक्रमण पर सीधे डोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करें।
उन्होंने जिला प्रशासन, पुलिस व अन्य विभागों को इसमें गंभीरता बरतने के निर्देश दिए। इस संबंध में अपडेट रिपोर्ट भी रोजाना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में यह बात भी उठी कि अभियान से जुड़े अधिकांश अधिकारी बदल गए हैं। ऐसे में जिलाधिकारी ने कहा कि पुराने अधिकारियों से अपडेट रिपोर्ट लेने के बाद अभियान चलाया जाए।
एमडीडीए को नियम विरुद्ध बने भवनों को सील करने व व्यवसायिक भवनों में पार्किंग के नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा कैनाल रोड, त्यागी रोड व प्रेमनगर आदि स्थानों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर समिति गठित करने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजी शरण शर्मा, सचिव एमडीडीए गिरीश चंद्र गुणवंत, उप जिलाधिकारी गोपाल राम बिनवाल, उप नगर आयुक्त सोनिया पंत, लोनिवि के ईई जेए चौहान समेत राष्ट्रीय राजमार्ग, राजस्व व सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
अभियान पर एक नजर
जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने 18 जून 2018 को देहरादून में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। इस आदेश पर प्रशासन ने 25 जून से चार जोन बनाते हुए करीब तीन महीने तक शहर में अतिक्रमण पर कार्रवाई की थी। आधा-अधूरा अतिक्रमण हटाने के बाद कार्रवाई धीमी पड़ गई। इसमें लगभग आठ हजार अतिक्रमण हटाए गए थे जबकि नौ हजार से ज्यादा चिह्नित किए गए थे। फिर एक साल बाद सितंबर-2019 में फिर से अतिक्रमण पर जेसीबी गरजी, मगर ढाई हफ्ते बाद ही प्रशासन फिर बैकफुट पर आ गया और अभियान ठप हो गया।
सरकारी भूमि पर बनाएं वेंडर जोन
नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शहर में सभी सरकारी जमीनों को चिह्नित कर प्राथमिकता पर वेंडिग जोन के निर्माण कराए जाएं। ताकि जगह-जगह लग रहीं ठेली, रेहड़ी आदि को यहां शिफ्ट किया जा सके।
प्रेमनगर में फिर चलेगा हथौड़ा
जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने कहा कि पूर्व की भांति शहर को चार जोन में बांटकर चार अलग-अलग टीमें अतिक्रमण चिह्नित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेंगी। पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने के दौरान पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात रखने का निर्देश दिया गया, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को तुरंत काबू किया जा सके और अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद न हो सकें।
सूत्रों की मानें तो इस बार प्रेमनगर से अतिक्रमण निरोधी अभियान की शुरुआत करने की तैयारी चल रही। वहां पूर्व में हुई कार्रवाई के बाद दोबारा बड़ी संख्या में मेन सड़कों पर अतिक्रमण हो चुके हैं।
यह संस्थान टीम का हिस्सा
जिला प्रशासन, पुलिस, लोनिवि, नगर निगम, एमडीडीए, सिंचाई विभाग, ऊर्जा निगम आदि।
राजस्व-लोनिवि की टीम करेगी चिह्नीकरण, फिर होगा ध्वस्तीकरण
टास्क फोर्स की बैठक में कहा गया कि प्रेमनगर में अभियान शुरू करने से पहले राजस्व विभाग व लोनिवि की टीम सड़कों का चिह्नीकरण कर अतिक्रमण की स्थिति को स्पष्ट करेगी। अतिक्रमण की पुष्टि होते ही उसे ध्वस्त करना शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मलबा हटाने के लिए टीम तैनात रहेगी और जहां सीलिंग की की जानी है, उस पर एमडीडीए के कार्मिक कार्रवाई करेंगे। पूर्व में हटाए अतिक्रमण पर दोबारा अतिक्रमण हटाया जाता तो इसका खर्च भी मौके पर वसूला जाएगा।
लोगों को मिलेगा अभिलेख प्रस्तुत करने का मौका
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान लोगों को अपने स्वामित्व संबंधी अभिलेïख प्रस्तुत करने का भी अवसर दिया जाएगा। अभिलेखों का सत्यापन मौके पर ही किया जाएगा व उसके मुताबिक तत्काल ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
अतिक्रमण पर दर्ज होगा मुकदमा
जिन स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण कर लिए गए हैं या जहां पूर्व में लगाए गए लाल निशान मिटा दिए हैं, उन मामलों में संबंधित के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। अतिक्रमण की कार्रवाई दर्ज करने के लिए सभी टीम को प्रारूप (प्रपत्र) दे दिए गए हैं और जानकारी उसमें दर्ज की जाएगी। शाम को सभागार में रिपोर्ट जमा कराने पर अगले दिन के लिए रूटचार्ट जारी किए जाएंगे।
43 फीसद अतिक्रमण पूर्व चिह्नित
पूर्व में चलाए गए अभियान में टास्क फोर्स ने 4617 अतिक्रमण ध्वस्त किए हैं, जबकि चिह्नीकरण आठ हजार से अधिक का किया गया। इस तरह देखें तो पूर्व में चिह्नित 43 फीसद से अधिक अतिक्रमण पर अभी भी कार्रवाई होनी शेष हैं। इसके अलावा यह भी दिख रहा है कि इस बीच नए अतिक्रमण भी खड़े हो चुके हैं।
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पूर्व के अभियान की तस्वीर
जोन-------ध्वस्तीकरण-----चिह्नीकरण-----सीलिंग
01------------763--------------1192---------01
02------------959--------------2580---------18
03------------1036-------------1515---------66
04------------1848-------------2907---------41
कुल------------4617-----------8198---------126
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