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खेल सामग्री में भी चीन को कमजोर करने की मुहिम, पढ़िए खबर

प्रदेश के खेल सामग्री विक्रेताओं ने भी चीन निर्मित खेल सामग्री को नहीं बेचने का फैसला किया है। उनका कहना है कि चीन निर्मित सामान ग्राहक भी नहीं खरीद रहे हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 12:36 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 12:36 PM (IST)
खेल सामग्री में भी चीन को कमजोर करने की मुहिम, पढ़िए खबर
खेल सामग्री में भी चीन को कमजोर करने की मुहिम, पढ़िए खबर

देहरादून, निशांत चौधरी। लद्दाख बार्डर पर चीनी सेना के कायरता पूर्ण हमले को लेकर पूरे देश में रोष है। जहां सैनिक बार्डर पर देश की आन-बान और शान के लिए मुस्तैदी से मुकाबला कर रहे हैं वहीं लोगों ने भी चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए मुहिम शुरू कर दी है। प्रदेश के खेल सामग्री विक्रेताओं ने भी चीन निर्मित खेल सामग्री को नहीं बेचने का फैसला किया है। उनका कहना है कि चीन निर्मित सामान ग्राहक भी नहीं खरीद रहे हैं। 

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चीन निर्मित खेल उत्पादों में बैडमिंटन रैकेट, शटल, योगा मैट, स्केट बोर्ड, स्कैट्स व्हील आदि प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यह उत्पाद भारतीय उत्पादों से सस्ते हैं, लेकिन गुणवत्ता में निम्न दर्जे के हैं। सीमा पर चीन की हरकत से लोगों के मन में चीन के खिलाफ आक्रोश है अब इस आग को ठंडा नहीं होने देंगे। इससे भारत आर्थिक रूप से सुदृढ़ होगा और चीन कमजोर। 

तैयारी में पिछड़ा रहा है सीएयू

बीसीसीआइ के घरेलू सत्र की तैयारी को लेकर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पिछड़ रही है। क्योंकि कोरोना काल की परिस्थितियों के बीच सावधानी बरते हुए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान, क्रिकेट  एसोसिएशन ऑफ बड़ौदा समेत अन्य क्रिकेट संघों ने प्रशिक्षण कैंप आरंभ कर दिए हैं। 

वहीं, सीएयू कैंप आयोजित करना तो दूर अब तक इसके लिए रणनीति भी नहीं बना पाया है। ऐसे में साफ है कि इस सत्र में ट्रायल के आधार पर टीमें चुनी जाएंगी। बीसीसीआइ अगर सितंबर से अपना घरेलू सत्र शुरू कर देती है। तो प्रदेश के खिलाड़ियों को बिना अभ्यास मैदान में उतरना पड़ेगा और इसका टीम के प्रदर्शन में फर्क पड़ेगा। 

वैसे भी पिछले सत्र में प्रदेश की सीनियर टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। इसलिए सीएयू भी अन्य क्रिकेट एसोसिएशन की तर्ज में सावधानी बरते हुए कैंप आयोजित  करती है तो टीम को इसका फायदा होगा। 

जाफर के अनुभव से चमकेगी टीम 

रणजी ट्रॉफी में रिकार्ड का अंबार लगाने वाले क्रिकेटर वसीम जाफर को सीएयू ने उत्तराखंड पुरुष सीनियर टीम के मुख्य कोच की जिम्मेदारी दी है। उनकी प्रतिभा और उनके रिकार्ड के कारण लोग उन्हें घरेलू सत्र का सचिन तेंदुलकर भी कहते हैं। अब इस अनुभव का लाभ उत्तराखंड के क्रिकेटरों को मिलने जा रहा है। 

खिलाड़ियों की उम्मीद है कि उनकी मेहनत ओर कोच वसीफ जाफर का अनुभव उन्हें इस सत्र में नई ऊंचाईयों तक ले जाएगा। उत्तराखंड में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन उनका निखारना जरूरी है। अगर अनुभवी कोच का उन्हें मार्गदर्शन मिल जाए तो उत्तराखंड टीम घरेलू सत्र में अपना प्रदर्शन सुधार सकती है। 

पिछले सत्र में उत्तराखंड टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। उस दौरान भी टीम में रणनीति और मार्गदर्शन का अभाव साफ दिखा था, लेकिन इस बार सीएयू ने अच्छा कदम उठाया है। जिसका असर घरेलू सत्र में नजर आना चाहिए।

प्रशिक्षकों को कॉन्ट्रैक्ट रिनुअल का इंतजार

खेल विभाग के संविदा प्रशिक्षक अपने कॉन्ट्रैक्ट रिनुअल के इंतजार में हैं। फरवरी में कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद से प्रशिक्षक खाली बैठे हैं। जिस कारण प्रशिक्षण आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। प्रदेश भर में करीब 160 प्रशिक्षक संविदा के आधार पर खेल विभाग में रोजगार पाते हैं। इस बार फरवरी में कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद प्रशिक्षकों का दोबारा से रिनुअल होता उससे पहले कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी। 

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इसके चलते खेल गतिविधियों पर ब्रेक लग गया। ऐसे में खेल विभाग ने इन प्रशिक्षकों के रिनुअल के लिए आवेदन भी स्थगित कर दिए। जिससे सभी खेल प्रशिक्षण घर बैठ गए। खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार के निर्देश के बाद नियमानुसार प्रशिक्षण शिविरों पर निर्णय लिया जाएगा। उसके बाद ही संविदा प्रशिक्षकों के लिए आवेदन मांगे जाएंगे। जिससे प्रशिक्षकों को तो काम मिलेगा ही साथ ही खिलाड़ियों को भी बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध होगा।

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