काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने हल्के में लिया क्वारंटाइन, वीआइपी सिंड्रोम में अफसर
काबीना मंत्री सतपाल महाराज समेत उनके स्वजनों व कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद सरकार और शासन के तमाम लोगों की चिंता भी बढ़ गई है।
देहरादून, जेएनएन। काबीना मंत्री सतपाल महाराज समेत उनके स्वजनों व कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद सरकार और शासन के तमाम लोगों की चिंता भी बढ़ गई है। यह चिंता बढ़ न पाती, यदि सतपाल महाराज क्वारंटाइन के नियमों को हल्के में न लेते। जब उनके सर्कुलर रोड व म्युनिसिपल रोड के बीच स्थित आवास में दिल्ली से चार लोग आए तो उनकी स्पष्ट जानकारी देने की जगह पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया गया। यही वजह है कि उनके आवास के सर्कुलर रोड की तरफ खुलने वाले गेट पर पांचवें दिन होम क्वारंटाइन का पर्चा चस्पा किया जा सका। होम क्वारंटाइन के लिए डालनवाला थाने में भरे गए शपथ पत्र में भी तीन व्यक्तियों के स्पष्ट नाम हैं, जबकि चौथे नाम की जगह महज एक महिला होने की जानकारी दी गई।
इसी जानकारी के अनुरूप सतपाल महाराज के आवास के पिछले हिस्से को ही होम क्वारंटाइन बनाया गया। जब यह सवाल उठा कि म्युनिसिपल रोड वाले हिस्से व सतपाल महाराज को क्यों होम क्वारंटाइन नहीं किया गया तो अधिकारियों ने तर्क दिया कि दिल्ली से आने वाले जिस भवन में ठहरे हैं, वह मुख्य भवन से अलग है। स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन व पुलिस की हरी झंडी मिलने के बाद महाराज, उनके परिवार के सदस्यों व अन्य लोगों का आना-जाना मुख्य गेट से लगा रहा। साथ ही महाराज ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी वाली कैबिनेट की बैठक में भी भाग लिया।
एहतियात की जिन बातों को नजरंदाज कर अधिकारियों ने सतपाल महाराज व उनके परिवार के होम क्वारंटाइन को बहाल रखा, अब उसी अनदेखी के जवाब तलाशने में मशक्कत करनी पड़ रही है। कोरोना संक्रमण की यह चेन अब तक सरकार व शासन के किस स्तर तक के लोगों की सेहत को खतरे में डाल चुकी होगी, यह सोचकर अफसरों की पेशानी पर बल पड़ने लगे हैं।
सतपाल महाराज के घर पर दिल्ली के चार लोगों के आने के बाद जिस तरह पूरे घटनाक्रम पर पर्दा डाला जाता रहा, उससे यही संकेत में मिलते हैं कि अधिकारी वीआइपी सिंड्रोम का शिकार रहे। मामला कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से जुड़ा होने के चलते उन्हीं बातों पर आंख मूंदकर भरोसा किया जाता रहा, जो उन्हें बताई गई।
कोरोना संक्रमण की इस चेन की शुरुआत महाराज की पत्नी व पूर्व मंत्री अमृता रावत से हुई, मगर अब तक उनकी ट्रेवल हिस्ट्री को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा रहा। इतना जरूर है कि स्वास्थ्य विभाग के जिस बुलेटिन में अमृता रावत के कोराना संक्रमित होने की बात बाहर आई, उसमें निजी लैब के सैंपल में ट्रेवल हिस्ट्री दिल्ली बताई गई है।
उधर, महाराज के समर्थकों का कहना है कि लॉकडाउन में काबीना मंत्री सतपाल महाराज का पूरा एक कदम आगे बढ़कर अपनी मानव उत्थान सेवा समिति के माध्यम से लोगों की सेवा में जुटा रहा।
सील करनी थी म्युनिसिपल रोड, सीलिंग सर्कुलर रोड पर
कोरोना संक्रमण का वास्ता वीआइपी या आम आदमी से नहीं है, मगर सतपाल महाराज व उनके स्वजनों के संक्रमण को लेकर सिस्टम का नजरिया कोरोना की रोकथाम के नियमों को धता बता रहा है। पहले होम क्वारंटाइन का पर्चा महाराज के भवन के पिछले गेट (सर्कुलर रोड) पर चस्पा किया गया था और अब सीलिंग के आदेश भी इसी सड़क के दिए गए हैं।
तब जिला प्रशासन का तर्क था कि दिल्ली से आए लोग इसी हिस्से पर क्वारंटाइन हैं और सतपाल महाराज व उनका परिवार म्युनिसिपल रोड वाले हिस्से से आवागमन करता है। अब जब अमृता रावत के बाद सतपाल महाराज समेत उनके परिवार व कर्मचारियों समेत 22 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं, तब भी स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। पिछले हिस्से में बाहर से आए लोग तो होम क्वारंटाइन थे, जबकि बड़ी संख्या में संक्रमण अगले हिस्से का प्रयोग करने वाले लोगों में मिला है। तो फिर इस भाग की सड़क को क्यों सील नहीं किया गया, इस सवाल का जवाब देने में भी तमाम अधिकारी असहज दिख रहे हैं। अब सवाल सिर्फ सतपाल महाराज व उनसे संबंधित लोगों के संक्रमण का नहीं, बल्कि उस पूरी म्युनिसिपल रोड का है, जो मुख्य गेट के आसपास रहते हैं। नियमों के अनुसार म्युनिसिपल रोड के हिस्से को ही सील किया जाना चाहिए था। या तो अधिकारी दोनों सड़क को सील करते या फिर कम से कम मुख्य गेट वाले भाग को सील करने की जरूरत थी।
यह भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री महाराज और कौशिक को वीसी के जरिये होना था बैठक में शामिल, मगर बुला लिए गए
सर्कुलर रोड का यह भाग सील
डालनवाला क्षेत्र की सर्कुलर रोड का वह हिस्सा सील किया गया है, जिसके पूर्व दिशा में कर्जन रोड, पश्चिम दिशा में अब्दुल खान का भवन, उत्तर दिशा में अमित अग्रवाल का भवन व दक्षिण दिशा में 13 म्युनिसिपल रोड है। संबंधित सील हिस्से के सभी लोग घर पर ही रहेंगे और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति मोबाइल वैन के जरिये प्रशासन सुनिश्चत कराए। इस वैन से सामान लेने के लिए घर के एक सदस्य को ही बाहर आने की अनुमति होगी।
यह भी पढ़ें: कोरोना महामारी के बीच सरकार के कामकाज पर मंडराया संकट, पढ़िए