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Budget 2020: उत्‍तराखंड की ग्रीन बोनस को लेकर आम बजट पर टिकी निगाहें

उत्तराखंड की निगाहें आम बजट पर टिक गई हैं। पर्यावरणीय सेवाओं को सहेजने के एवज में उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्य केंद्र से ग्रीन बोनस की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 07:54 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 07:54 AM (IST)
Budget 2020: उत्‍तराखंड की ग्रीन बोनस को लेकर आम बजट पर टिकी निगाहें
Budget 2020: उत्‍तराखंड की ग्रीन बोनस को लेकर आम बजट पर टिकी निगाहें

देहरादून, राज्य ब्यूरो। तमाम दुश्वारियां झेलने के बावजूद पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे उत्तराखंड की निगाहें आम बजट पर टिक गई हैं। पर्यावरणीय सेवाओं को सहेजने के एवज में उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्य केंद्र से ग्रीन बोनस की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। मसूरी में पिछले साल हुए हिमालयन कॉन्क्लेव में भी यह मसला प्रमुखता से उठा था। तब नीति आयोग की ओर से इस पर मंथन की बात कही गई थी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही कि आम बजट में केंद्र सरकार इस संबंध में कोई न कोई प्रविधान अवश्य करेगी। ऐसे में ग्रीन बोनस के मद्देनजर राज्य की नजरें भी केंद्र पर टिकी हुई हैं।

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मध्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड का भूगोल जितना विषम है, उतनी ही विषम परिस्थितियां भी हैं। बावजूद इसके देश के पारिस्थितिकीय तंत्र को मजबूत बनाने में उत्तराखंड महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जंगलों के साथ ही नदियों, ग्लेशियरों का संरक्षण कर यह राज्य देश को पर्यावरणीय सेवाएं दे रहा है। आंकड़ों पर ही गौर करें तो उत्तराखंड के वनों से ही लगभग 95 हजार करोड़ की पर्यावरणीय सेवाएं मिल रही हैं।

तस्वीर बता रही है कि पर्यावरण व जल संरक्षण के मामले में उत्तराखंड केंद्र सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में भागीदारी निभा रहा है। इसके बावजूद राज्य के सामने दिक्कतों की लंबी फेहरिस्त है। यहां 71.05 फीसद वन भूभाग है। ऐसे में वन कानूनों की बंदिशों के कारण राज्य के विकास को गति नहीं मिल पा रही। जंगली जानवरों के खौफ ने जीना दुश्वार किया हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि बीते दो दशक में गुलदार, हाथी, भालू, बाघ जैसे वन्यजीवों के हमलों में 730 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 3905 घायल हुए हैं। इस सबके मद्देनजर ही राज्य पर्यावरणीय सेवाओं के एवज में ग्रीन बोनस मांग रहा है।

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उत्तराखंड की पहल पर गत वर्ष हुए हिमालयन कॉन्क्लेव में भी सभी हिमालयी राज्यों ने यह मसला प्रमुखता से उठाते हुए केंद्र के साथ ही नीति आयोग के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखा था। केंद्र ने तब इस मामले में सकारात्मक रुख के संकेत दिए थे। ऐसे में उत्तराखंड आशाभरी नजरों से केंद्र को देख रहा है। राज्य को उम्मीद है कि आम बजट में उसकी ग्रीन बोनस की साध पूरी हो सकती है।

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