Move to Jagran APP

डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को मिला अध्यक्ष, इनकी हुई नियुक्ति

डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को अध्यक्ष मिल गया। सरकार ने इस पद पर पांच साल के लिए पूर्व आइएएस भगवती प्रसाद पांडे की नियुक्ति की है। भगवती प्रसाद पांडे प्रदेश में ऊर्जा सचिव का पदभार संभाल चुके हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 08:30 AM (IST)
डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को मिला अध्यक्ष, इनकी हुई नियुक्ति
डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को मिला अध्यक्ष।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। तकरीबन डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को अध्यक्ष मिल गया। सरकार ने इस पद पर पांच साल के लिए पूर्व आइएएस भगवती प्रसाद पांडे की नियुक्ति की है। भगवती प्रसाद पांडे प्रदेश में ऊर्जा सचिव का पदभार संभाल चुके हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में भी उनका लंबा कार्यकाल बीता।

loksabha election banner

बीते रोज सचिवालय में मुख्य सचिव सभागार में न्यायमूर्ति बीएम वर्मा की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक में आयोग अध्यक्ष पद के पैनल पर मुहर लगी थी। चयन समिति की बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, ऊर्जा सचिव राधिका झा शामिल रहे, जबकि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शिरकत की। आयोग अध्यक्ष पद के लिए कुल 79 आवेदन सरकार को मिले थे।

उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों से कई पूर्व आइएएस अधिकारियों ने दावेदारी पेश की थी। चयन समिति ने तीन नामों का पैनल तैयार किया। इस पैनल को शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष रखा गया। चयन समिति की सिफारिश पर मुख्यमंत्री की मुहर लगते ही आयोग अध्यक्ष पद पर बीपी पांडेय की नियुक्ति का आदेश ऊर्जा सचिव राधिका झा ने जारी कर दिया। पांडे की नियुक्ति पांच साल या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक, जो भी पहले हो, अवधि तक की गई है।

वीसी के लिए नया पैनल पुराने आवेदनों से बनेगा

दून विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन को पैनल नए सिरे से तैयार होगा, लेकिन इसके लिए सरकार को नए सिरे से आवेदन नहीं मंगाने होंगे। राजभवन ने सरकार को राहत देते हुए पुराने 153 आवेदनों में से ही दोबारा चयन को हरी झंडी दिखा दी है। सरकार की ओर से बीते माह अक्टूबर में कुलपति के चयन के लिए भेजे गए पैनल को राजभवन ने हाल ही में लौटा दिया था। इस पैनल में शामिल किए गए नामों पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ राजभवन को शिकायत की गई थी। राजभवन ने इसे गंभीरता से लिया था। 

इसके बाद शासन ने राजभवन को पत्र भेजकर पूछा था कि नए पैनल के लिए नए सिरे से आवेदन मांगें जाएं अथवा पहले से प्राप्त तकरीबन 153 आवेदनों में से ही नए सिरे से चयन किया जाए। राजभवन ने नए सिरे से आवेदन मांगने के स्थान पर पहले से ही बड़ी संख्या में प्राप्त आवेदनों में से ही पात्रों के चयन की अनुमति दे दी है। इससे सरकार को नए सिरे से आवेदन मंगाने की परेशानी से निजात मिल गई, साथ में इस वजह से दून विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन में ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन ने राजभवन से शासन को उक्त मंजूरी मिलने की पुष्टि की।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में बीआरपी-सीआरपी की तैनाती में वित्तीय संकट, केंद्र ने दिया है बहुत कम बजट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.