उत्तराखंड में बीआरपी-सीआरपी की तैनाती में वित्तीय संकट, केंद्र ने दिया है बहुत कम बजट
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स परसन) और सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स परसन) के कुल 955 पदों पर तैनाती में वित्तीय संकट का पेच फंस गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स परसन) और सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स परसन) के कुल 955 पदों पर तैनाती में वित्तीय संकट का पेच फंस गया है। केंद्र ने बहुत कम बजट दिया है। ऐसे में इन पदों पर शिक्षकों की तैनाती के लिए राज्य सरकार को 12.89 करोड़ की राशि अपने पल्ले से भरनी होगी। शासन स्तर पर इस बारे में मंथन चल रहा है, निर्णय नहीं किया जा सका है।
प्रदेश सरकार बीते दिनों समग्र शिक्षा अभियान के तहत 1959 पदों को मंजूरी दे चुकी है। इसके तहत ही एक ब्लॉक में दो, यानी कुल 285 बीआरपी तैनात किए जाएंगे। हर न्याय पंचायत में तीन के हिसाब से कुल 670 सीआरपी नियुक्त किए जाने हैं। शासनादेश के मुताबिक बीआरपी और सीआरपी के सभी पदों पर प्रतिनियुक्ति से तैनाती की जाएगी। समग्र शिक्षा अभियान से पहले प्रारंभिक शिक्षा के लिए संचालित किए जा रहे सर्व शिक्षा अभियान के तहत भी बीआरपी और सीआरपी की तैनाती की गई थी। नई परिस्थिति में बीआरपी और सीआरपी की तैनाती में वित्तीय संकट खड़ा हो गया है।
दरअसल समग्र शिक्षा अभियान में इन पदों पर तैनाती के लिए वेतन मद में बजट की काफी कम व्यवस्था केंद्र सरकार ने की है। प्रति पद सिर्फ 40 हजार रुपये मासिक वेतन के हिसाब से छह माह के लिए मात्र 11.46 करोड़ वेतन का प्रविधान किया गया है। प्रदेश में नियुक्त होने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों का वेतन इससे कहीं ज्यादा है। अब यदि बीआरपी और सीआरपी के पदों पर शिक्षकों की तैनाती करनी है तो शिक्षा विभाग को वेतन मद के लिए ही उक्त धनराशि के अतिरिक्त 12.89 करोड़ रुपये और चाहिए।
शासन स्तर पर समग्र शिक्षा अभियान राज्य परियोजना इकाई की ओर से अतिरिक्त धनराशि देने की मांग का परीक्षण किया जा रहा है। कोरोना संकटकाल में राज्य की आर्थिक हालत खस्ता है। लिहाजा यह भी तय किया गया है कि केंद्रपोषित उक्त अभियान के तहत बीआरपी और सीआरपी के लिए पूरा वेतन की मांग केंद्र सरकार से की जाएगी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक इस बारे में अभी विचार-विमर्श जारी है।