अब अगर नकल हुई तो सेक्टर मजिस्ट्रेट जवाबदेह, ऐसे लगेगी लगाम
परीक्षा में नकल रोकने को सरकार ने सख्त ताकीद की है। अब अगर नकल होती है तो सेक्टर मजिस्ट्रेट इसके लिए जवाबदेह होंगे।
By Edited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:47 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 03:55 PM (IST)
v style="text-align: justify;">देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में नकल रोकने को सरकार ने सख्त ताकीद की है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने फरमान जारी कर परीक्षा केंद्रों पर बाहर से कराई जाने वाली नकल की रोकथाम को सेक्टर मजिस्ट्रेट की जवाबदेही तय की है। परीक्षा केंद्रों के बाहर समाज विरोधी तत्वों या बाहरी व्यक्तियों को एकत्र नहीं होने देने के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होंगे।
राज्य में संवेदनशील और अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की पहचान करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक के निर्देश दिए गए हैं। वहीं परीक्षा केंद्रों के आसपास सौ गज की परिधि और जरूरत पड़ने पर उसके बाहर भी निषेधाज्ञा लागू होगी। बोर्ड परीक्षा को नकलमुक्त और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गढ़वाल और कुमाऊं के मंडलायुक्तों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं एक मार्च से 26 मार्च तक होंगी।
परीक्षा केंद्रों में अव्यवस्था, अनुशासनहीनता रोकने के लिए केंद्र व्यवस्थापकों व कक्ष निरीक्षकों को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों की गोपनीयता किसी भी सूरत में भंग नहीं होने देने की सख्त हिदायत दी गई है। ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने एक सेक्टर में 10-12 से अधिक परीक्षा केंद्र नहीं रखने को कहा है। परीक्षा केंद्रों की संख्या के आधार पर सेक्टर विभाजित किए जाएंगे। प्रत्येक सेक्टर में परगनाधिकारियों, सिटी मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या समकक्ष अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रत्येक सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने सेक्टर के लिए उत्तरदायी होगा। 24 बिंदुओं पर जारी किए गए निर्देशों में परीक्षा केंद्रों की नियमित निगरानी पर जोर दिया गया है। परीक्षा केंद्र परिसर में मोबाइल फोन, पेजर अथवा अन्य उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं होगी। किसी परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल की सूचना मिलने या संदेह होने पर प्रश्नपत्र तुरंत बदले जाएंगे। साथ में उस दिन उस पाली की परीक्षा निरस्त की जाएगी। इसके बाद दोबारा परीक्षा केंद्र से अन्यत्र स्थान पर कराई जाएगी।
मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों के व्यापक और प्रभावी निरीक्षण के लिए मंडलीय और जिलास्तरीय अधिकारियों के लिए अतिरिक्त वाहनों की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं। परीक्षा केंद्रों के आसपास ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित होगा। शिक्षकों-अधीक्षकों से दुर्व्यवहार पर सख्ती परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण या व्यवस्थापन कार्य करने वाले अध्यापकों व केंद्र अधीक्षकों पर प्रहार आदि दुर्घटना के मामलों में संज्ञेय अपराध के तहत रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति में प्रशासन, पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ प्रभावशाली नागरिकों, अभिभावकों, केंद्र व्यवस्थापकों व प्रकाशकों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा।
जिला और मंडल स्तर पर गठित सचल दस्तों की प्रत्येक टोली के साथ न्यूनतम दो पुलिस कांस्टेबल और पुलिस सब इंस्पेक्टर की सुविधा रहेगी। मुख्य शिक्षा अधिकारियों व उनके प्रतिनिधियों को तात्कालिक आवश्यकता की दशा में पुलिस स्टेशनों पर उपलब्ध वायरलेस पर सूचना देने की सुविधा देने के निर्देश दिए गए हैं।
मिट्टी तेल के बंदोबस्त के निर्देश
बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं के मद्देनजर विद्युत रहित परीक्षा केंद्रों की सूची और उन्हें मिट्टी तेल की पूर्ति करने के निर्देश शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख ने सभी जिलाधिकारियों और जिला पूर्ति अधिकारियों को जारी किए हैं। आदेश में कहा गया कि बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं इस परीक्षा में संस्थागत और व्यक्तिगत परीक्षार्थी एक साथ शामिल होंगे। लिहाजा जिलों में विद्युत रहित परीक्षा केंद्रों की सूची तुरंत लेकर उनकी न्यनूतम मिट्टी तेल की जरूरत को पूरा किया जाए।
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