CDSCO ने ब्लड बैंक खोलने के मानक बदले, अब बिना अस्पताल नहीं होगा संचालन
Blood Bank केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ब्लड बैंक खोलने के लिए मानक बदल दिए हैं। शनिवार को राज्य के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं। अब अस्पताल परिसर में ही ब्लड बैंक खोलने की मंजूरी दी जाएगी। अभी तक बिना अस्पताल के भी ब्लड बैंक के लाइसेंस मिल जाते थे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Blood Bank: बिना अस्पताल के अब ब्लड बैंक का संचालन नहीं हो पाएगा, क्योंकि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ब्लड बैंक खोलने के लिए मानक बदल दिए हैं। इसके तहत अब बिना अस्पताल किसी नए ब्लड बैंक को मंजूरी नहीं दी जाएगी। केंद्र की ओर से मानक बदले जाने के बाद शनिवार को राज्य के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं।
विदित है कि अभी तक बिना अस्पताल के भी ब्लड बैंक के लाइसेंस मिल जाते थे। कोई भी व्यक्ति या संस्था तय मानकों के आधार पर निजी ब्लड बैंक खोल सकते थी, लेकिन अब केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने नियम बदल दिए हैं। इसके तहत अब अस्पताल परिसर में ही ब्लड बैंक खोलने की मंजूरी दी जाएगी। जबकि पहले से चल रहे निजी ब्लड बैंकों के लिए भी अपना अस्पताल शुरू करना अनिवार्य होगा।
पांच साल के भीतर उन्हें अस्पताल शुरू करना होगा नहीं तो ब्लड बैंक को बंद कर दिया जाएगा। अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से मानक बदले जाने के बाद राज्य सरकार ने भी अपने नियमों में बदलाव करते हुए आदेश जारी कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके बाद अब राज्य में बिना अस्पताल के निजी ब्लड बैंक नहीं खोले जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी औषधि निरीक्षकों को इसे कड़ाई से लागू करने को कहा गया है। कहा कि औषधि प्रशासन विभाग ब्लड बैंकों के संचालन में सुरक्षा और नियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका उद्देश्य रक्तदान व अन्य सेवाओं की गुणवत्ता व सुरक्षा बढ़ाना है।
आइएमए ब्लड बैंक व अन्य की बढ़ी मुश्किलें
प्रदेश में वर्तमान में चुनिंदा बड़े सरकारी व निजी अस्पतालों में ब्लड बैंक है। सरकारी अस्पतालों की बात करें तो दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय, श्रीनगर मेडिकल कालेज, हल्द्वानी मेडिकल कालेज व एम्स ऋषिकेश में ब्लड बैंक संचालित हो रहे हैं। जबकि निजी अस्पतालों में श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल, हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, मैक्स अस्पताल, कैलाश अस्पताल, ग्राफिक एरा अस्पताल आदि के अपने ब्लड बैंक हैं।
वहीं, आइएमए ब्लड बैंक, सिटी ब्लड बैंक व कुछ अन्य ब्लड बैंक भी संचालित हो रहे हैं। जिनके पास अपना कोई अस्पताल नहीं है। अब नए नियम लागू होने के बाद बिना अस्पताल संचालित हो रहे इन निजी ब्लड बैंकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इनके सामने विकल्प यही कि या तो अपना अस्पताल संचालित करें अथवा ब्लड बैंक का संचालन बंद करना होगा।