कोरोना और बर्ड फ्लू के साये में होगा बर्ड फेस्टिवल, पढ़िए पूरी खबर
देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व और रामसर साइट में शुमार आसन वेटलैंड में अगले माह परिंदों के मोहक संसार का दीदार करने को पक्षी प्रेमी जुटेंगे। वन विभाग की ईको टूरिज्म विंग ने आसन में स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के लिए 12 से 14 फरवरी की तिथि प्रस्तावित की है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व और रामसर साइट में शुमार आसन वेटलैंड में अगले माह परिंदों के मोहक संसार का दीदार करने को पक्षी प्रेमी जुटेंगे। वन विभाग की ईको टूरिज्म विंग ने आसन में स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के लिए 12 से 14 फरवरी की तिथि प्रस्तावित की है। कोरोना और बर्ड फ्लू के साये में होने वाले फेस्टिवल में इस मर्तबा बर्ड वाचरों की संख्या सीमित रखने का निर्णय लिया गया है। साथ ही आयोजन के दौरान विशेष सावधानी भी बरती जाएगी।
उत्तराखंड में परिंदों का मोहक संसार बसता है। देशभर में पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियों में से आधे से अधिक यहां चिह्नित की गई हैं। साथ ही नवंबर से मार्च तक बड़ी संख्या में विदेशी परिंदे भी यहां रहते हैं। इस सबके मद्देनजर बर्ड वाचिंग को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा वर्ष 2015 से हर साल राज्य में स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। इस बार यह फेस्टिवल आसन वेटलैंड (विकासनगर) में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। यह वेटलैंड भी देशी, विदेशी परिंदों की पसंदीदा सैरगाह है।
स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के सिलसिले में शनिवार को वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी की मौजूदगी में ईको टूरिज्म विंग की बैठक हुई। मुख्य वन संरक्षक ईको टूरिज्म बीके गांगटे ने बताया कि फरवरी में होने वाले इस फेस्टिवल की तिथि प्रस्तावित कर दी गई है। हालांकि, फरवरी की शुरुआत में एक बार फिर बैठक कर कोरोना और बर्ड फ्लू की स्थिति का आकलन किया जाएगा। तब की परिस्थितियों के हिसाब से इसकी तिथि आगे भी बढ़ाई जा सकती है।
मुख्य वन संरक्षक गांगटे के अनुसार इस बार बर्ड फेस्टिवल में देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के बर्ड वाचरों को ही आमंत्रित किया जाएगा। इनकी संख्या भी सीमित होगी और बर्ड वाचिंग के लिए इनके ग्रुप भी छोटे-छोटे होंगे। फेस्टिवल के दौरान आसन वेटलैंड में नाइट स्टे नहीं होगा। अलबत्ता, फेस्टिवल के दौरान पक्षियों की चेकलिस्ट, कैलेंडर आदि का विमोचन भी किया जाएगा।
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