उत्तराखंड में बायोमैट्रिक प्रणाली से मिलेगा सस्ता खाद्यान्न, पढ़िए पूरी खबर
स्मार्ट राशन कार्ड बनने के बाद प्रदेश के 23 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को सरकारी सस्ता खाद्यान्न बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिये ही मिलेगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। स्मार्ट राशन कार्ड बनने के बाद प्रदेश के 23 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को सरकारी सस्ता खाद्यान्न बायोमैट्रिक प्रणाली के जरिये ही मिलेगा। स्मार्ट राशनकार्ड, बायोमैट्रिक प्रणाली, लैपटॉप और कॉमन सर्विस सेंटर आदि व्यवस्था के संचालन को राशन विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में खाद्य विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। वहीं, स्मार्ट राशन कार्ड के सत्यापन और उन्हें आधार से लिंक करने का 75 फीसद कार्य हफ्तेभर के भीतर पूरा होगा।
उत्तराखंड केंद्र सरकार के राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) को उत्तराखंड में लागू करने जा रहा है। आरसीएमएस के तहत पुराने राशनकार्डो का स्थान नए स्मार्ट राशनकार्ड लेंगे। इससे राशनकार्डो में फर्जीवाड़े पर अंकुश लगने के साथ ही सस्ते खाद्यान्न और मिट्टी तेल वितरण में भी पारदर्शिता बढ़ेगी। खास बात ये है कि स्मार्ट राशनकार्ड को उसमें दर्ज परिवार के मुखिया समेत तमाम सदस्यों के आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। स्मार्ट कार्ड योजना पर अमल के साथ ही प्रदेश में एक परिवार एक राशनकार्ड की व्यवस्था लागू हो जाएगी।
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खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के प्रभारी सचिव सुशील कुमार ने बताया कि स्मार्ट राशनकार्ड को आधार से लिंक करने का 75 फीसद कार्य अगले सात दिन में पूरा हो जाएगा। अभी 45 फीसद राशनकार्डों का आधार सत्यापन हुआ है। राशन की दुकानों के कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में 9000 से अधिक राशन की दुकानें हैं। सरकार की ओर से हर दुकान को लैपटॉप, बायोमीट्रिक मशीन समेत जरूरी उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। स्मार्ट राशनकार्ड बनने के बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान से जुड़े कमजोर वर्ग के 19 लाख राशनकार्डधारक परिवारों और राज्य खाद्य योजना के गरीबी रेखा से ऊपर जीवनयापन करने वाले और सालाना पांच लाख रुपये से कम आमदनी वाले करीब पांच लाख उपभोक्ताओं के स्मार्ट राशनकार्ड बनाए जाने हैं।
इन सभी 23 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को आगामी दो-तीन माह के भीतर स्मार्ट राशनकार्ड मुहैया कराए जाएंगे। प्रभारी सचिव के मुताबिक राशन की दुकानों पर बायोमैट्रिक प्रणाली से सस्ते खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राशन की दुकानों का कंप्यूटरीकरण होने के साथ ही उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर के तौर पर भी विकसित किया जा रहा है। इंटरनेट सेवा और ऑनलाइन प्रणाली के संचालन को राशन विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विक्रेताओं को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
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