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भारत रक्षा पर्व: चार साल बाद बांधेंगी भाई की कलाई पर राखी

दून के डाकरा के रहने वाले प्रतीक कुमार सेना में हैं। तब से उनकी इकलौती बहन प्रेरणा अपने भाई को डाक से राखी भेज रही हैं। पर इस बार प्रेरणा ने भाई को सरप्राइज देने की सोची है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 09:57 AM (IST)
भारत रक्षा पर्व: चार साल बाद बांधेंगी भाई की कलाई पर राखी
भारत रक्षा पर्व: चार साल बाद बांधेंगी भाई की कलाई पर राखी

देहरादून, [जेएनएन]: रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर बहनें जो धागा बंधती हैं, वह उनकी लंबी उम्र की कामना के लिए होता है और उसके बाद भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधने को सालभर इस त्योहार का इंतजार करती हैं, लेकिन ऐसी भी कुछ बहनें हैं, जिन्हें अपने भाई के साथ यह त्योहार मनाने का मौका बहुत कम मिल पाता है। कारण यह कि भाई सरहद पर तैनात हैं। वहीं, त्योहार पर घर न आ पाने के कारण सैनिकों की आंखें भी बहनों की याद में नम हो जाती हैं। कई बार राखी उन्हें त्योहार बीतने के बाद मिलती है।

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दून के डाकरा स्थित नागेश्वर मंदिर के समीप रहने वाले 22 वर्षीय प्रतीक कुमार जम्मू-कश्मीर राइफल्स में तैनात हैं। निर्मला देवी और दिनेश कुमार के इकलौते बेटे प्रतीक चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। तब से उनकी इकलौती बहन प्रेरणा अपने फौजी भाई को डाक से ही राखी भेज रही हैं। पर इस बार प्रेरणा ने भाई को सरप्राइज देने की सोची है।

दसवीं में पढ़ रही प्रेरणा बताती हैं कि 22 अगस्त को उनके इकलौते भाई का जन्मदिन है। वह इस वक्त अमृतसर में तैनात हैं। प्रेरणा बता रही हैं कि वह अपने माता-पिता के साथ इस बार अमृतसर जाएंगी। वहां भाई के साथ मिलकर रक्षाबंधन मनाएंगीं।

प्रेरणा ने बताया कि जब भी राखी का त्योहार आता था, तो भाई के न होने पर उन्हें सूनापन लगता था। सालों बाद अब भाई की कलाई पर राखी बांधने का मौका मिलेगा। प्रतीक के पिता भी सेना से सेवानिवृत्त हैं। मां निर्मला ने बताया कि वह बेटे के सेना में जाने के खिलाफ थीं। लेकिन प्रतीक अपने पिता की तरह ही देश की सेवा करना चाहता थे। उन्हें बचपन से ही ललक थी कि पिता की तरह फौजी बनें।

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