बाबा श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथयात्रा 16 मई से निकलेगी, 75 नए धार्मिक स्थल समेत 325 स्थान चिह्नित
बाबा श्री विश्वनाथ जगदीशीला 25वीं डोली रथयात्रा 16 मई से 16 जून तक राज्यभर में भ्रमण करेगी। इस बार डोली रथयात्रा के लिए 75 नए धार्मिक स्थान समेत कुल 325 स्थानों को चिह्नित किया गया है। रविवार को होटल सौरव में श्री विश्वनाथ-जगदीशिला तीर्थाटन समिति की बैठक में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है। राज्य तीर्थाटन प्रदेश बने इस पर जोर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। बाबा श्री विश्वनाथ जगदीशीला 25वीं डोली रथयात्रा 16 मई से 16 जून तक राज्यभर में भ्रमण करेगी। इस बार डोली रथयात्रा के लिए 75 नए धार्मिक स्थान समेत कुल 325 स्थानों को चिह्नित किया गया है। रविवार को होटल सौरव में श्री विश्वनाथ-जगदीशिला तीर्थाटन समिति की बैठक में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है।
बैठक में डोली रथयात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि डोली का मुख्य उद्देश्य विश्व में शांति कायम रखना व देव संस्कृति को निरंतर जारी रखना है। बताया कि टिहरी के विशोन पर्वत से डोली 15 मई को ऋषिकेश के नेपाली फार्म पहुंचेगी। यहां से 16 मई डोली यात्रा शुरू होगी।
इसके बाद हरिपुल कला हरिद्वार, मधुबन आश्रम कैलाशगेट टिहरी, मां नंदा विहार नवादा, पुरोला, मट्टी गांव गांजणा कठूड़ उत्तरकाशी, कमलेश्वर महादेव श्रीनगर गढ़वाल, श्री घंटाकर्ण मंदिर लोस्तु टिहरी, श्री रघुनाथ मंदिर गौचर, मां चंडिका देवी मंदिर नंदप्रयाग, जोशीमठ, मलारी, श्री विशेश्वर मंदिर बछुआ बाण चमोली, रानीखेत अल्मोड़ा, डोल आश्रम, लोहाघाट चंपावत, डीडीहाट, सत्यूगांव अल्मोड़ा, पस्तौत नैनीताल, सत्यनारायण मंदिर हल्द्वानी, शैल भवन रुद्रपुर, कोटद्वार, पैठाणी, जखोली, ग्यारहगांव, विशोन पर्वत के बाद 16 जून को गंगा दशहरा पर स्नान कराया जाएगा।
बताया कि राज्य तीर्थाटन प्रदेश बने इस पर जोर दिया जाना चाहिए। कहा कि मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए, लेकिन उनके स्वरूप न बदला जाए। बैठक में गोविंद पटवाल, गंगा प्रसाद, इंद्रभूषण बडोनी, अकबर सिंह नेगी, लालचंद शर्मा, वीरेंद्र पोखरियाल, शिवप्रसाद डंगवाल आदि मौजूद रहे।