बिजली चोरी में तय होगी अधिकारियों की जबावदेही, पढ़िए पूरी खबर
बिजली चोरी का बड़ा मामला सामने आने के बाद शासन हरकत में आया है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि अब बिजली चोरी में बड़े अधिकारियों की भी जबावदेही तय होगी।
देहरादून, जेएनएन। गदरपुर स्थित फ्लोर मिल में बिजली चोरी का बड़ा मामला सामने आने के बाद शासन हरकत में आया है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि अब बिजली चोरी में बड़े अधिकारियों की भी जबावदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि अब अगर बिजली चोरी का कोई भी मामला सामने आता है तो छोटे कर्मचारियों के साथ बड़े अधिकारी भी जिम्मेदारी होंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बिजली चोरी या अन्य घोटाले में अक्सर छोटे कर्मचारियों पर गाज गिरती है और बड़े अधिकारी बच जाते हैं। गदरपुर में फ्लोर मिल में पकड़ में आई बिजली चोरी के मामले में भी ऊर्जा निगम यहीं पैंतरा अपना रहा था। जेई और एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई कर निगम इस मामले में बड़े अधिकारियों को बचा रहा था। ऊर्जा सचिव ने जब इस मामले का संज्ञान लिया तो उसके बाद निगम को बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने पड़ी। इस मामले के बाद सचिव ऊर्जा ने साफ किया कि अब बिजली चोरी के हर मामले में बड़े अधिकारियों की जबावदेही भी तय की जाएगी। उन्होंने इसके लिए ऊर्जा निगम को निर्देशित किया है।
नीरज कुमार को सौंपा एसई का अतिरिक्त प्रभार
बिजली चोरी में निलंबित अधीक्षण अभियंता नरेंद्र सिंह टोलिया के स्थान पर ऊर्जा निगम ने विद्युत वितरण खंड काशीपुर के अधीक्षण अभियंता नीरज कुमार को विद्युत वितरण खंड रुद्रपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा हैं। वहीं निलंबित ईई उमाकांत चतुर्वेदी के स्थान पर अधिशासी अभियंता सितारगंज चंदन सिंह बस्नेत ईई का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। निलंबित एसडीओ गिरीश चंद आर्य के स्थान पर अवर अभियंता मेहताब को विद्युत वितरण खंड गदरपुर का एसडीओ बनाया गया है। वह अवर अभियंता का दायित्व भी संभालते रहें। सभी को अग्रिम आदेशों तक अपने स्थान पर काम करने को कहा गया है।
लंबित जांचें 15 दिन में पूरी करें : सचिव ऊर्जा
ऊर्जा निगम के अधिकारियों के लिए शासन के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते, इसलिए तो सचिव ऊर्जा के बार-बार निर्देशों के बाद भी कई जांच निगम के दफ्तर में धूल फांक रही हैं। एक बार फिर सचिव ऊर्जा ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 15 दिन के अंदर लंबित जांचों को पूरा कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
ऊर्जा निगम में कई घोटाले सामने आए हैं। इसमें रुद्रपुर एनएच पोल शिफ्टिंग घोटाला, इंसुलेटर खरीद घोटाला, लक्सर बिजली चोरी मामला, काशीपुर लाइन शिफ्टिंग घोटाला, मीटर खरीद घोटाला, सौभाग्य योजना में अनियमितता सहित कई घोटाले प्रमुख हैं। इन प्रकरणों की ऊर्जा निगम में लंबे समय से जांच चल रही है, लेकिन अभी तक कोई भी जांच अपने मुकाम तक नहीं पहुंच पाई है। काशीपुर लाइन शिफ्टिंग मामले में तो जांच रिपोर्ट प्रबंध निदेशक को चार माह पहले सौंपी जा चुकी है, लेकिन उन्होंने जांच अधिकारी और जांच पर ही सवाल उठा दिए। इन सभी प्रकरणों की जांच पूरी न करने पर सचिव ऊर्जा राधिका झा कई बार अधिकारियों को फटकार लगा चुकी हैं, लेकिन उसके बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। बुधवार को एक बार फिर सचिव ऊर्जा ने निगम अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 15 दिन के भीतर लंबित जांचों को पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश दिए हैं। सचिव ऊर्जा ने बताया कि इसके बाद भी अगर जांचें पूरी नहीं होती तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: ऊर्जा निगम प्रबंधन की अजीब है कार्यप्रणाली, जांच रिपोर्ट पर निगम प्रबंधन ने मारी कुंडली
यह भी पढ़ें: बिजली चोरी में जेई और एसएसओ सस्पेंड, एक की सेवा समाप्त