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उत्तराखंड में सरकारी कार्मिकों और पेंशनर्स को राहत, मिलेगी कैशलेस उपचार की सुविधा

प्रदेश सरकार ने अब सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स को भी अटल आयुष्मान योजना का लाभ देने का निर्णय ले लिया है।

By Edited By: Published: Tue, 05 May 2020 07:26 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 08:02 AM (IST)
उत्तराखंड में सरकारी कार्मिकों और पेंशनर्स को राहत, मिलेगी कैशलेस उपचार की सुविधा
उत्तराखंड में सरकारी कार्मिकों और पेंशनर्स को राहत, मिलेगी कैशलेस उपचार की सुविधा

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने अब सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी अटल आयुष्मान योजना का लाभ देने का फैसला ले लिया है। इनके लिए यह योजना राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एसजीएचएस) के नाम से शुरू होगी। इसके तहत इन्हें प्रदेश के भीतर और बाहर सूचीबद्ध अस्पतालों में असीमित कैशलेस उपचार की सुविधा मिल सकेगी। अपरिहार्य स्थिति में गैर सूचीबद्ध अस्पताल में भी इलाज कराया जा सकता है, हालाकि इसके लिए प्रमाणपत्र देना होगा। इसका भुगतान केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दरों के अनुसार किया जाएगा। निकाय, निगम, विश्वविद्यालय, स्वायत्तशासी संस्थाओं और सरकार से अनुदान लेने वाले सभी संस्थानों के बोर्ड से मंजूरी के बाद यह योजना उनके यहा भी लागू हो सकेगी। 

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प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में विस्तृत शासनादेश जारी कर दिया। इससे प्रदेश के ढाई लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को योजना का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया। योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती होने पर कैशलेस उपचार की सुविधा मिलेगी। ओपीडी और डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवा इन्हें पहले खुद ही खरीदनी होगी। बाद में बिल प्रस्तुत करने पर इसका भुगतान किया जाएगा, जिस बीमारी का उपचार अटल आयुष्मान योजना में तय पैकेज में नहीं है, उसे अन स्पेसिफाइड पैकेज माना जाएगा। 
एक लाख से अधिक के पैकेज उपचार की दर का निर्धारण राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण करेगा। इस योजना के लिए कार्मिकों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। उनके वेतन के हिसाब से प्रतिमाह अंशदान लिया जाएगा। इसी आधार पर उन्हें सामान्य वार्ड, सेमी प्राइवेट, प्राइवेट और डीलक्स वार्ड मिलेंगे। प्रदेश से बाहर के सूचीबद्ध अस्पताल में भर्ती होने के लिए उन्हें पहले प्रदेश के सूचीबद्ध अस्पताल से रेफरल लेना होगा। प्रदेश से बाहर काम करने वाले सरकारी कार्मिकों और पेंशनरों को रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी। 
अपर सचिव स्वास्थ्य अरुणेंद्र चौहान द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कोरोना के कारण इस योजना को शुरू करने की तिथि का निर्धारण करने का अधिकार राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को दिया गया है। तिथि तय होने के बाद ही अंशदान कटना शुरू होगा।

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