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87 साल के कश्मीरी पंडित की पीड़ा सुन भावुक हुए अनुपम खेर, फेसबुक पर साझा किया वीडियो; सुना ये किस्सा भी

हम जहां रहते थे उसको फिरदौस कहते हैं जमाने ने करवट बदली और हम बेघर हो गये हमें बदबाद कर डाला। फिल्म अभिनेता अनुपम खेर से एक कश्मीरी पंडित ने अपनी पीड़ा इन शब्दों में बयां की। भावुक अनुपम ने उनसे बातचीत का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर साझा किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 02:04 PM (IST)
87 साल के कश्मीरी पंडित की पीड़ा सुन भावुक हुए अनुपम खेर, फेसबुक पर साझा किया वीडियो; सुना ये किस्सा भी
87 साल के कश्मीरी पंडित की पीड़ा सुन भावुक हुए अनुपम खेर, फेसबुक पर साझा किया वीडियो।

संवाद सूत्र, मसूरी(देहरादून)। Anupam Kher In Mussorie 'हम जहां रहते थे उसको फिरदौस कहते हैं, जमाने ने करवट बदली और हम बेघर हो गये, हमें बदबाद कर डाला।' फिल्म अभिनेता अनुपम खेर से एक कश्मीरी पंडित ने अपनी पीड़ा इन शब्दों में बयां की। भावुक अनुपम ने उनसे बातचीत का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर साझा किया है।

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निर्माता विवेक अग्निहोत्री वेब सीरीज 'द कश्मीर फाइल' की शूटिंग के लिए अभिनेता अनुपम खेर मसूरी में हैं। फुर्सत के पलों में अनुपम स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। यही वजह है कि वह मसूरी में सबके आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। जाम में फंसने पर उन्होंने एक युवक से स्कूटी पर लिफ्ट मांगी तो कभी चाय की दुकान चलाने वाले से बातचीत करने लगे। फुर्सत के इन पलों के वीडियो बनाकर वह अपने फेसबुक अकाउंट पर भी साझा कर रहे हैं। सोमवार को भी उन्होंने एक ऐसा ही वीडियो अपलोड किया है। 

इसमें वह एक 87 वर्ष के कश्मीरी पंडित मोहन लाल रैना से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। मोहन लाल ने उन्हें बताया कि वह बारामूला के घोशबू गांव के रहने वाले हैं। तीस वर्ष पहले घाटी में जब आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार किए तो जान बचाने के लिए उन्होंने भी परिवार के साथ गांव छोड़ दिया और मसूरी आ गए। मसूरी में उन्होंने रेडीमेड गारमेंट की दुकान शुरू की और अब यही उनके परिवार के भरण-पोषण का जरिया है।

रैना ने अनुपम को किस्सा बयां किया कि एक बार उनके दोस्त ने पूछा आप कहा रहते हैं। तब उन्होंने चंद लाइनें लिखीं और अपने दोस्त को सुना दीं। रैना ने कहा कि 'हम जहां रहते थे उसको फिरदौस कहते हैं, जमाने ने करवट बदली और हम बेघर हो गये, हमें बदबाद कर डाला, उस घर से कूच करने से पहले हमने नहीं सोचा कि कहां जा रहे हैं और कहां मंजिल होगी, जलते बदन पर नजर डाली तो अपना घर याद आया, पूछूंगा उस कायनात बनाने वाले से कि हमने तेरा क्या बिगाड़ा था।' 

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