दून अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म, मरीजों को झेलनी पड़ी रही परेशानी
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म हो गई है। इस कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्हें वैक्सीन बाहर से खरीदनी पड़ रही है।
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म हो गई है। इस कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्हें वैक्सीन बाहर से खरीदनी पड़ रही है। इस स्थिति में अस्पताल प्रशासन ने फिर एक बार स्वास्थ्य विभाग के आगे झोली फैलाई है।
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या के साथ कुत्तों के काटे जाने की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। वहीं, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। ऐसे में मरीज या तो बिना टीका लगाए लौट रहे हैं या फिर बाहर से महंगे दाम पर इंजेक्शन खरीदकर लगवा रहे हैं।
अस्पताल में रोजाना 150 लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचे हैं। इसमें 30 से 40 मरीज रोजाना नए होते हैं। कुत्ते के काटने पर घाव के अनुसार तीन से सात टीके लगाए जाते हैं। बाजार में इसकी कीमत 300 से 350 रुपये के बीच होने से गरीब इसे खरीद पाने में असमर्थ हैं।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि जिस कंपनी से वैक्सीन ली जा रही थी, उसका टेंडर एक वर्ष का था। नए टेंडर में कोई कंपनी नहीं आई है। ऐसे में कुछ वक्त तक पुरानी ही कंपनी से अनुरोध कर वैक्सीन ली गई। पर अब कंपनी को किसी और ने टेकओवर कर लिया है।
उन्होंने बताया कि हमने स्वास्थ्य महानिदेशक से 200 वाइल मांगी हैं। इसी के साथ कुछ वैक्सीन मार्केट से भी खरीदी गई हैं। आगे के लिए व्यवस्था की जा रही है।
दून अस्पताल में अब एंटी रिफ्लक्स सर्जरी
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहली बार सफल एंटी रिफ्लक्स सर्जरी की गई है। अस्पताल के गेस्ट्रो व लेपरोस्कोपी सर्जन डॉ. अभय कुमार व उनकी टीम ने यह जटिल ऑपरेशन किया।
जानकारी के अनुसार मसूरी निवासी 35 वर्षीय एक महिला मरीज को हाइटस हर्निया की दिक्कत थी। मरीज के परिजन उसका उपचार कराने के लिए दून अस्पताल पहुंचे। यहां पर अस्पताल के वरिष्ठ गेस्ट्रो व लेपरोस्कोपी सर्जन डॉ. अभय कुमार ने अपनी टीम के साथ महिला मरीज की सफल सर्जरी की है।
अस्पताल में दूरबीन विधि से यह पहली एंटी रिफ्लक्स सर्जरी हुई है। डॉ. अभय ने बताया कि लेपरोस्कोपी उपकरण उपलब्ध होने से दून अस्पताल में यह जटिल सर्जरी संभव हो सकी है। इससे पहले निजी अस्पतालों में ही यह सुविधा उपलब्ध थी।
उन्होंने कहा कि दून अस्पताल में इस तरह की जटिल सर्जरी होने से गरीब मरीजों को लाभ मिलेगा। इधर, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने सर्जरी करने वाले डॉ. अभय व उनकी टीम को बधाई दी है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में अब नहीं होगा दवा का संकट, जानिए
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अब दवाइयों और वैक्सीन की जांच में नहीं होगी दिक्कत
यह भी पढ़ें: इन अत्याधुनिक मशीनों से लैस हुआ गांधी अस्पताल, जानिए