उत्तराखंड में तबाही की आहट! देहरादून के बाद अब उत्तरकाशी में बनी झील, बन सकती है बाढ़ का कारण, सहमे लोग
सड़क कटिंग के मलबे से यमुना नदी का प्रवाह रुकने लगा है। डोईवाला में सूर्यधार झील के आगे झील बनने की खबरों के बीच अब उत्तरकाशी में भी यमुना नदी में झील बनने की बात सामने आई है।
संवाद सूत्र, बड़कोट (उत्तरकाशी): देहरादून के समीप डोईवाला में सूर्यधार झील के आगे झील बनने की खबरों के बीच अब उत्तरकाशी में भी यमुना नदी में झील बनने की बात सामने आई है।
यमुनोत्री धाम के महत्वपूर्ण पड़ाव जानकीचट्टी से पांच किमी पहले सड़क कटिंग के मलबे से यमुना नदी का प्रवाह रुकने लगा है। इससे वहां एक झील बन रही है, जो भविष्य में अनहोनी का कारण बन सकती है। यह मामला प्रशासन के संज्ञान में भी है, लेकिन यमुना के प्रवाह को सुचारु बनाए रखने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं हुए हैं।
भारी मात्रा में जमा मलबे से यमुना में आ सकता है उफान
वर्षाकाल में यमुना नदी उफान पर रहती है। अगर सड़क कटिंग के मलबे से बन रही झील को तोड़ा नहीं गया तो वर्षाकाल में भारी मात्रा में जमा मलबे से यमुना में उफान आ सकता है। यहां तक कि निचले क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है। कई स्थानों पर यमुना के किनारे तक आलवेदर रोड का मलबा फैला हुआ है। इससे नदी का उफान विकराल हो सकता है।
बाढ़ का बड़ा कारण बन सकती है यह झील
स्थानीय निवासी महावीर पंवार ने बताया कि झील के पास ही दूर्बिल गांव के लिए सड़क कटिंग का कार्य चल रहा है, जिसका मलबा सीधे यमुना नदी में फेंका जा रहा है। इससे नदी का प्रवाह थम-सा गया है और नदी पर एक झील बन गई है। वर्षाकाल में यह झील बाढ़ का बड़ा कारण बन सकती है।
उधर, उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी ने कहा कि जानकीचट्टी से करीब पांच किमी बड़कोट की ओर यमुना नदी का प्रवाह मलबे से प्रभावित हो रहा है। यह मामला उनके संज्ञान में है। संबंधित विभाग को सूचित कर दिया गया है। साथ ही जरूरी सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं।
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