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ऋषिकेश में जुर्म साबित होते ही आरोपित ने कोर्ट में खाया जहर Dehradun News

स्वर्ण व्यापारी के कारीगर को गोली से घायल कर करीब चार किलो सोना लूटने में अदालत ने छह आरोपितों को दोषी करार दिया। एक आरोपित ने जेब से विषाक्त पदार्थ निकालकर खा लिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 01:43 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 01:43 PM (IST)
ऋषिकेश में जुर्म साबित होते ही आरोपित ने कोर्ट में खाया जहर Dehradun News
ऋषिकेश में जुर्म साबित होते ही आरोपित ने कोर्ट में खाया जहर Dehradun News

ऋषिकेश, जेएनएन। तीर्थनगरी के चर्चित स्वर्ण व्यापारी के कारीगर को गोली से घायल कर करीब चार किलो सोना लूटने में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऋषिकेश की अदालत ने छह आरोपितों को दोषी करार दिया। न्यायालय में जैसे ही न्यायाधीश ने इस बात की जानकारी दी तो परिसर में ही मौजूद एक आरोपित ने जेब से विषाक्त पदार्थ निकालकर खा लिया। जिससे न्यायालय में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आरोपित को अभिरक्षा में लेकर राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। जहां से उसे एम्स भेज दिया गया। आरोपित की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

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12 अक्टूबर 2016 को देहरादून मार्ग में बालाजी बगीचा तिराहे के पास बाइक सवार तीन बदमाशों ने देहरादून से यहां बस से पहुंचे सहारनपुर के एक स्वर्ण व्यापारी के कारीगर जोगेंद्र को गोली मारकर घायल कर दिया था। जिसके बाद बदमाश ज्वेलरी से भरा बैग लूटकर भाग गए थे। संबंधित मामले में 14 अक्टूबर को हरीराम पुत्र कृष्णा लाल निवासी मोहिद्दीन पुर सहारनपुर ने कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा पंजीकृत कराया था। इस वारदात में शिकायतकर्ता के बहनोई जोगेंद्र को लूटा गया था।

पुलिस ने इस मामले में रूप किशोर रस्तोगी पुत्र स्वर्गीय राम कुमार निवासी जहांगीरपुर दिल्ली, उसके पुत्र सत्येंद्र रस्तोगी उर्फ बिट्टू रस्तोगी, सुमित पुत्र महेश रस्तोगी निवासी मंडावली दिल्ली, सौरभ रस्तोगी पुत्र दिनेश निवासी चंद्रभागा बस्ती ऋषिकेश, नवीन उर्फ बाबू पुत्र आनंद ङ्क्षसह निवासी जहांगीर पुरी दिल्ली, अनस पुत्र ताजुद्दीन निवासी जहांगीर पुरी दिल्ली सहित लूट की ज्वेलरी खरीदने वाले सुनार जुगल किशोर और सत्येंद्र जैन निवासी जहांगीरपुरी दिल्ली को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने इन सब के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। सभी आरोपितों को पूर्व में ही जमानत मिल गई थी। मंगलवार को इस मामले में प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा की अदालत में सुनवाई थी। न्यायाधीश ने जैसे ही सत्येंद्र रस्तोगी सहित छह लोगों पर दोष सिद्ध होने का आदेश सुनाया तो न्यायालय कक्ष में ही सत्येंद्र रस्तोगी ने जेब से विषाक्त पदार्थ निकाल कर खा लिया। जिसके बाद वह वहीं गिर गया। न्यायालय परिसर में तैनात पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने उसे राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पहुंचाया।

यहां चिकित्सक न मिलने पर उसे एम्स ले जाया गया। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। मौके पर पुलिस तैनात कर दी गई है। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि आरोपित सतेंद्र रस्तोगी को एम्स पुलिस चौकी प्रभारी समेत पुलिस टीम को निगरानी में रखा गया है। संबंधित मामले में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा।

फेस वॉश की डिब्बी में था जहर

प्रथम अपर जिला सत्र न्यायालय में मंगलवार को जब लूट कांड में सुनवाई चल रही थी तो दोष सिद्ध होने के बाद आरोपित सत्येंद्र रस्तोगी ने जेब से एक डिब्बी निकाली और अपने मुंह में उड़ेल दी। अपने घर से ही वह फेस वॉश की डब्बी में विषाक्त पदार्थ लेकर आया था। पुलिस ने उक्त डिब्बी कब्जे में ले ली है। आरोपित सत्येंद्र रस्तोगी जमानत पर था और वह मंगलवार को घर से ही पेशी पर न्यायालय आया था।

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न्यायालय में सुरक्षा पर उठे सवाल

न्यायालय के भीतर विषाक्त का सेवन करने के मामले के बाद न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। न्यायालय में प्रतिदिन कई मामलों की सुनवाई होती है। आरोपित सत्येंद्र रस्तोगी अपने घर से विषाक्त लेकर चला और कोर्ट के भीतर तक सुनवाई में पहुंचा। हालांकि वह जमानत पर था। पेशी का समन मिलने पर ही वह यहां आया था मगर, कोर्ट परिसर में पेशी पर आने के लिए यदि जामा तलाशी की व्यवस्था होती तो यह सवाल खड़े ना होते।

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