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दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग पर पांच सदस्यीय जांच समिति गठित

दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की बात सामने आने के बाद कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई। जांच टीम ने कॉलेज के सभी सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिग खंगाली है।

By Edited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 08:59 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 04:03 PM (IST)
दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग पर पांच सदस्यीय जांच समिति गठित
दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग पर पांच सदस्यीय जांच समिति गठित

देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की बात सामने आने के बाद बुधवार को कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई। कॉलेज प्रशासन ने इस मामले से जुड़े तमाम पहलूओं की जाच की। सीनियर व जूनियर छात्रों से बात करने के साथ ही हॉस्टल आदि की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इसके अलावा सुरक्षा गार्ड, केयर टेकर आदि के भी बयान लिए। प्रथम दृष्टया रैगिंग का कोई प्रमाण नहीं मिला है। न किसी तरह की कोई शिकायत कॉलेज प्रशासन को मिली है।

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मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि उन्हें भी मीडिया के माध्यम से यह सूचना मिली है। कहा कि कॉलेज को रैगिंग फ्री जोन बनाने के लिए परिसर में एक शिकायत पेटी रखवाई गई है। छात्रों से अपील की गई है कि कोई भी ऐसी घटना होने पर इस पेटी में शिकायत डाल सकता है। उसकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। लेकिन उक्त मामले में किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिली है। जांच टीम ने कॉलेज के सभी सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिग खंगाली है। फिलहाल कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं मिले हैं। लेकिन फिर भी रैगिंग कमेटी अपनी स्तर से पूरी जांच कर सभी पहलु सुनिश्चित करना चाहती है। बैठक में डॉ. देश दीपक, डॉ. शेखर पाल, डॉ. रंगील सिंह रैना, डॉ. एमके पंत, डॉ. अतुल कुमार, डॉ. अंकिता जुयाल, डॉ. रिचा सिन्हा, डॉ. सोनम माहेश्वरी, डॉ. जौली अग्रवाल, डॉ. सिंधु आदि उपस्थित रहे।

छात्राओं से रैगिंग की बात नकारी 

बीती 23 अगस्त को नए बैच की कुछ छात्राओं के साथ रैगिंग की बात सामने आई है। पर कॉलेज प्रशासन ने इसे पूरी तरह झुठला दिया है। प्राचार्य ने बताया कि उस दिन जन्माष्टमी का अवकाश था। दिन में छात्र-छात्राएं एफआरआइ भ्रमण पर गए थे। शाम के वक्त महिला छात्रावास में जन्माष्टमी पर सूक्ष्म आयोजन किया गया था। सीसीटीवी फुटेज में रैगिंग का कोई प्रमाण नहीं मिला है।

बाल छोटे, पर रैगिंग पर चुप्पी 

दून मेडिकल कॉलेज में नए बैच के कुछ छात्रों ने बाल छोटे जरूर करवाए हैं, पर रैगिंग की बात पर उन्होंने चुप्पी साध ली है। इस संबंध में एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रुचि के तहत बाल छोटे कराए हैं। किसी सीनियर ने इसे लेकर दबाव नहीं बनाया। इससे पूर्व ये छात्र लिखित में भी अपने बयान दर्ज करवा चुके हैं।

इमीडिएट सीनियर एक माह से छुंट्टी पर

एंटी रैगिंग कमेटी ने एक तर्क ये दिया है कि नए बैच के इमीडिएट सीनियर यानी 2018 बैच के छात्र पिछले एक माह से कॉलेज में नहीं हैं। प्रथम प्रोफेशनल एग्जाम के बाद वे परिणाम का प्रतीक्षा कर रहे हैं और अवकाश पर हैं। इनमें कोई भी छात्र परिसर व छात्रावास में उपस्थित नहीं है।

सीनियर व जूनियर छात्रों के बीच तालमेल की कमी स्वीकारी 

रैगिंग का कथित मामला सामने आने पर कॉलेज प्रशासन अब फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि सीनियर व जूनियर छात्रों के बीच बेहतर आपसी समन्वय के लिए प्रयास किए जाएंगे। क्योंकि तालमेल की कमी के कारण ही परिसर में बिना वजह रैगिंग का भय व्याप्त है। जिसे समन्वय से ही दूर किया जा सकता है। 

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रैगिंग रोकने को उठाए गए कदम 

  • दस सदस्यीय एंटी रैगिंग कमेटी का गठन। 
  • चार एंटी रैगिंग स्क्वाड का गठन। 
  • लाइब्रेरी, कैंटीन, छात्रावास आदि का औचक निरीक्षण। 
  • कॉलेज परिसर में सीसीटीवी कैमरे, नियमित मॉनिटरिंग।
  • नए बैच के छात्र-छात्राओं को छात्रावास में अलग कक्ष आवंटित। 
  • सुरक्षा गार्ड व केयर टेकर की भी तैनाती।

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